
अमेरिकी कीड़े से राज्य के मक्का किसान सहम गये हैं। जिस खेत में ‘फाल आर्मी नाम का यह कीड़ा लग जा रहा है, पूरी फसल बर्बाद हो जा रही है। बेगूसराय से शुरू हुई किसानों की यह परेशानी अब राज्य के अधिसंख्य मक्का उत्पादन क्षेत्रों में पहुंच चुकी है। उधर, सरकार ने किसानों की फसल बचाने में ताकत झोंक दी है। राज्य से लेकर पंचायतस्तर तक नियंत्रण कक्ष बनाए गए हैं।
अमेरिका से दक्षिण अफ्रीका के रास्ते देश में पहुंचे इस कीड़े की पहचान गत वर्ष मक्का शोध संस्थान बेगूसराय के फार्म में की गई। इस साल भी इसकी शुरुआत वहीं से हुई है। उसी संस्थान ने भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान को इसकी जानकारी दी। उसके बाद बचाव की गतिविधियां तेज कर दी गई हैं। इस कीड़े ने दक्षिण अफ्रीका में मक्के की खेती को तहस-नहस कर दिया है। बिहार में इसके बढ़ते प्रकोप के बाद समय रहते अगर किसान और वैज्ञानिक दोनों नहीं चेते तो परिणाम गंभीर हो सकते हैं। इसके पहले पंजाब में अमेरिकी सूंडी नाम के कीड़े ने वहां की कपास की खेती को बर्बाद कर दिया था।
रोकथाम में जुटी विशेषज्ञों की पूरी टीम
कृषि विभाग ने किसानों को इसकी जानकारी देने के साथ इसकी रोकथाम के लिए विशेषज्ञों की पूरी टीम लगा दी है। सभी कृषि विज्ञान केन्द्रों को भी इसके लिए सचेत कर दिया गया है। किसानों को ट्रेनिंग देने के लिए मास्टर ट्रेनर तैयार किये जा रहे हैं। इसके लिए 12 अक्टूबर को भी बामेती में एक कार्यक्रम आयोजित किया गया है।
रात में सौ किमी तक उड़ान भरते हैं कीड़े
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कीड़े का प्रकोप काफी तेजी से फैलता है। रात में ये कीड़े लगभग सौ किलोमीटर तक उड़ान भरते हैं। एक मादा कीट नौ सौ से 1500 तक अंडे देती है। समय रहते अगर इलाज नहीं हुआ तो पूरी फसल नष्ट हो जाती है। यह कीड़ा बहुभोजी है। यानी धान, गेहूं और ज्वार में भी इसका प्रकोप होता है, लेकिन मक्का की फसल इसका पहला टार्गेट होता है।
प्रबंधन के उपाय
पहले और दूसरे चरण में प्रबंधन (वैज्ञानिकों की सलाह से करें)
पांच प्रतिशत नीम बीज कार्नेल इमल्शन या एजाडिराक्टिन 1500 पीपीएम पांच एमल एक लीटर पानी में। बेसिल थूरिजिनेसिस का छिड़काव ।
तीसरे व चौथे स्टेज में छिड़काव के लिए
स्पाइनटोरम 11.7 प्रतिशत एससी एक लीटर पानी में 0.5 मिली, क्लोरेंट्रनिलिप्रोयल 18.5 एससी एक लीटर पानी में 0.4 मीली और थियोमेथेक्साम 12.6 प्रतिशत के साथ लेम्बडा साइहैलोथीन 9.5 प्रतिशत जेडसी एक लीटर पानी में 0.25 मीली।