बाबर का वंशज होने का दावा करने वाले एक शख्य प्रिंस हबीबुद्दीन टुसी सामने आए हैं। उन्होंने कहा है अयोध्या में राम मंदिर बनाने के लिए वह एक सोने की ईंट देंगे, लेकिन उनकी एक शर्त मानते हुए बाबरी मस्जिद और रामजन्मभूमि विवादित क्षेत्र की जमीन उन्हें सौंप दी जाए। इसके पीछे उनका दावा है कि चूंकि वह पहले मुगल बादशाह बाबर के वंशज हैं और बाबर ने 1529 में बाबरी मस्जिद का निर्माण कराया था। ऐसे में इस विवादित भूमि के असली मालिक वही हैं।
रविवार को प्रिंस टुसी ने मीडिया से कहा कि सुप्रीम कोर्ट उन्हें पूरी विवादित जमीन सौंपते हैं तो वह इस पूरी जमीन को राम मंदिर के लिए दान कर देंगे। उनका कहना है कि वह लोगों की भावनाओं को मानते हैं कि राम मंदिर एक स्थान पर बाबरी मस्जिद बनाई गई थी।
1992 के राम मंदिर आंदोलन में कार सेवकों द्वारा बाबरी मस्जिद को गिरा दिया गया था।
50 वर्षीय प्रिंस टुसी ने इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि अभी मामले में जितने वादी और प्रतिवादी पक्ष के लोग हैं उनके पास जमीन का मालिकाना हक होने का कोई सबूत नहीं है। चूंकि वह मुगल बादशाह बाबर के वंशज हैं इसलिए इसलिए विवादित इलाके के असली मालिक वही हैं। उन्होंने कहा कि वह पहले ही फैसला कर चुके हैं कि विवादित जमीन उन्हें मिलती है तो वह भव्य राम मंदिर के लिए दान कर देंगे।
प्रिंस टुसी पिछले साल तंबू में विराजमान रामलला के दो बार दर्शन कर चुके हैं। इस दौरान उन्होंने संकल्प भी लिया कि विवादित जमीन राम मंदिर के लिए दी जानी चाहिए। उन्होंने राम मंदिर तोड़ने के लिए हिन्दू समुदाय के लोगों से माफी भी मांगी है। उन्होंने भगवान राम की चरण पादुका अपने माथे पर रखकर अपने पूर्वजों के कृत्य के लिए माफी मांगी।