पटना – हड़ताल ने मरीजों का दर्द बढ़ा दिया है। तीन दिनों से चल रही डॉक्टरों की हड़ताल में पांच हजार से अधिक मरीजों का इलाज प्रभावित हुआ है। शुक्रवार को इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान (आईजीआईएमएस) में घंटों ओपीडी बाधित रही, जबकि पटना मेडिकल कॉलेज में नारेबाजी के साथ कैंडिल मार्च निकाला गया। जूनियर डॉक्टरों ने चेतावनी दी है कि केंद्र सरकार ने उनकी मांगों को पूरा नहीं किया तो वह शनिवार से हड़ताल को को और तेज करेंगे।
आईजीआईएमएस में बवाल
इंदिरा गांधी आयुर्विज्ञान संस्थान में एनएमसी बिल के विरोध में शुक्रवार को मेडिकल छात्र-छात्राओं के साथ रेजिडेंट डॉक्टर्स ने संयुक्त रूप से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान कर ओपीडी बंद करा दी। नारेबाजी और प्रदर्शन से ओपीडी पूरी तरह से प्रभावित रही। हालांकि हड़ताल शाम को वापस ले ली गई, लेकिन पूरे दिन मरीजों का दर्द हड़ताल से बढ़ता रहा। आईजीआईएमएस के मेडिकल सुपरीटेंडेंट डॉ मनीष मंडल का कहना है कि शनिवार को ओपीडी सुचारू रूप से चलेगी।
आईजीआईएमएस का हाल
३ 2400 मरीजों ने ओपीडी में कराया रजिस्ट्रेशन
३ 98 नए मरीज इमरजेंसी में हुए भर्ती
३ 25 मरीजों को प्राइवेट वार्ड में भर्ती किया गया
३ 9 मरीज ओपीडी से भर्ती किए गए
३ 4 घंटे हड़ताल से बाधित रहा ओपीडी का काम
डॉक्टरों ने दी चेतावनी
पटना मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टरों ने शुक्रवार को जमकर नारेबाजी की और एनएमसी बिल को लेकर विरोध किया। जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ शंकर भारती का कहना है कि अगर सरकार ने बात नहीं सुनी तो शनिवार को सुबह नौ बजे से हड़ताल का दायरा काफी व्यापक होगा।