
गायन के साथ अभिनय से भी लोगों का दिल जीत लेने वाले किशोर कुमार ने इंडस्ट्री में बतौर अभिनेता प्रवेश किया था। किशोर कुमार की पहली फिल्म ‘शिकारी’ 1946 में रिलीज हुई थी। फिल्म में किशोर कुमार के बड़े भाई अशोक कुमार मुख्य किरदार में थे। किशोर कुमार को पहली बार देव आनंद की फिल्म ‘जिद्दी’ (1948) में गाने का मौका मिला। 4 अगस्त को खंडवा शहर में जन्मे किशोर कुमार ने एक से बढ़कर एक हिट गाने दिए लेकिन एक वक्त ऐसा भी था जब उनके गानों पर पाबंदी लगा दी गई थी। आज किशोर दा की पुण्यतिथि है।
1975 में जब इंदिरा गांधी सरकार ने आपातकाल लगा दिया था तो इसके शिकार किशोर कुमार भी हुए थे। कहा जाता है कि वो अपने नियमों के काफी पक्के थे और अपने उसूलों से कभी समझौता नहीं करते थे, शायद इसी का नतीजा रहा कि उनके गानों पर पाबंदी लगा दी गई थी।
दरअसल, आपातकाल के दौरान कांग्रेस चाहती थी कि सरकारी योजनाओं की जानकारी किशोर कुमार अपनी आवाज में गाना गाकर दें। कांग्रेस को भी समझ आ गया था कि उन्हें एक ऐसे आवाज की जरूरत है जो उसकी बात आम जनता तक पहुंचा सके। इसके लिए उन्होंने किशोर कुमार से संपर्क किया।
इंदिरा गांधी सरकार में उस दौरान सूचना प्रसारण मंत्री वीसी शुक्ला थे। उन्होंने किशोर कुमार के पास संदेशा भिजवाया कि वो इंदिरा गांधी के लिए गीत गाएं जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक सरकारी की आवाज पहुंचे लेकिन किशोर कुमार ने गाना गाने से मना कर दिया। किशोर कुमार ने संदेश देने वाले से पूछा कि उन्हें ये गाना क्यों गाना चाहिए तो उसने कहा, क्योंकि वीसी शुक्ला ने ये आदेश दिया है।
आदेश देने की बात सुनकर किशोर कुमार भड़क गए और उन्होंने उसे डांटते हुए मना कर दिया। यह बात कांग्रेस को इस कदर नागवार गुजरी कि उन्होंने किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर बैन कर दिए। यह बैन 3 मई 1976 से लेकर आपातकाल खत्म होने तक जारी रहा। किशोर कुमार के गाने ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन पर नहीं चलाए जाते थे।
अपनी धुन के पक्के किशोर कुमार ने एक बार कहा था, ‘कौन जाने वो क्यों आए लेकिन कोई भी मुझसे वो नहीं करा सकता जो मैं नहीं करना चाहता। मैं किसी दूसरे की इच्छा या हुकूम से नहीं गाता।’ जी हां, जो सरकार से भी पंगा ले ले वैसा कोई अपनी वसूलों का पक्का ही कर सकता है।