Jai Bihar
No Result
View All Result
रविवार, जनवरी 17, 2021
  • Login
  • मुख्य पृष्ठ
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
    • रक्षा सुरक्षा
  • विश्व
  • राजनीति
  • उद्योग व अर्थव्यवस्था
  • अपराध
  • विचार
  • विविध
    • धर्म संस्कार
    • संस्कृति व विरासत
  • खेल
Subscribe
Jai Bihar
  • मुख्य पृष्ठ
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
    • रक्षा सुरक्षा
  • विश्व
  • राजनीति
  • उद्योग व अर्थव्यवस्था
  • अपराध
  • विचार
  • विविध
    • धर्म संस्कार
    • संस्कृति व विरासत
  • खेल
No Result
View All Result
Jai Bihar
No Result
View All Result
Home विषय नागरिकता संशोधन कानून, 2019

एनआरसी क्या है, इसे बनाने की आवश्यकता क्यों पड़ी और किन लोगों के नाम इसमें सम्मिलित किए गए?

by समाचार पटल
नवम्बर 20, 2019
Reading Time: 1 min

असम में निवासी भारतीय नागरियों की पहचान के लिए बनाए गए NRC यानी नेशनल सिटिजन रजिस्टर (राष्ट्रीय नागरिक रजिस्ट) की अंतिम सूची शनिवार 31 अगस्त को जारी कर दी गई। इस अंतिम सूची में राज्य के 3.29 करोड़ लोगों में से 3.11 करोड़ लोगों को भारत का वैध नागरिक करार दिया गया है, वहीं करीब 19 लाख लोग इससे बाहर हैं। जबकि पिछली बार इसमें वे लोग भी सम्मिलित हैं, जिन्होंने कोई दावा पेश नहीं किया था। जिन लोगों के नाम लिस्ट में नहीं हैं, उनके सामने अब भी फॉरेनर्स ट्रिब्यूनल में अपील करने का मौका है। फाइनल NRC में उन लोगों के नाम सम्मिलित किए गए, जो 25 मार्च 1971 के पहले से असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं। इस बात का सत्यापन सरकारी दस्तावेजों के जरिए किया गया।

साल 2015 में NRC प्रक्रिया आरम्न्भ होने के बाद साल 2018 तक 3 साल में राज्य के 3.29 करोड़ लोगों ने नागरिकता साबित करने के लिए 6.5 करोड़ दस्तावेज सरकार को भेजे। NRC के ड्राफ्ट (प्रारूप) का कुछ भाग 31 दिसंबर 2017 को जारी किया गया था, वहीं दूसरा ड्राफ्ट जुलाई 2018 को प्रकाशित हुआ। दूसरी NRC सूची में 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को नागरिक माना गया था, वहीं 40.37 लाख लोगों का नाम सम्मिलित नहीं था। वहीं अब जारी की गई अंतिम सूची में 3.11 करोड़ लोगों का नाम सम्मिलित है और 9 लाख 6 हजार 657 लोगों के नाम नहीं हैं। लिस्ट में अपना नाम लोग इंटरनेट के जरिए या फिर राज्य के 2500 NRC सेवा केंद्रों, 157 अंचल कार्यालय और 33 जिला उपायुक्त कार्यालयों में जाकर देख सकते हैं।

नेशनल सिटिजन रजिस्टर (NRC) असम में रहने भारतीय नागरिकों की पहचान के लिए बनाई गई एक सूची है। जिसका मकसद राज्य में अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों खासकर बांग्लादेशी घुसपैठियों की पहचान करना है। इसकी पूरी प्रक्रिया उच्चतम न्यायलय की निगरानी में चल रही थी। इस प्रक्रिया के लिए 1986 में सिटीजनशिप एक्ट में संशोधन कर असम के लिए विशेष प्रावधान किया गया। इसके अंतर्गत रजिस्टर में उन लोगों के नाम सम्मिलित किए गए हैं, जो 25 मार्च 1971 के पहले असम के नागरिक हैं या उनके पूर्वज राज्य में रहते आए हैं।

असम देश का अकेला राज्य है, जहां सिटीजन रजिस्टर लागू है। राज्य में पहली बार नेशनल सिटीजन रजिस्टर साल 1951 में बना था। तब बने रजिस्टर में उस साल हुई जनगणना में सम्मिलित हर शख्स को राज्य का नागरिक माना गया था। इसके बाद बीते कुछ वर्षों से राज्य में एकबार फिर उसे अपडेट करने की मांग की जा रही थी। दरअसल पिछले कई दशकों से राज्य में पड़ोसी देशों खासकर बांग्लादेश से हो रही अवैध घुसपैठ के कारण से वहां जनसंख्या संतुलन बिगड़ने लगा था। इसी वजह से वहां के लोग NRC अपडेट करने की मांग कर रहे थे। इस मांग को लेकर और अनियंत्रित अवैध घुसपैठ के विरोध में कई बार राज्यव्यापी हिंसक विरोध-प्रदर्शन भी हो चुके थे।

NRC लिस्ट जारी होने के साथ ही 4 साल से जारी प्रक्रिया पूरी हो गई। इस काम में 62 हजार कर्मचारी 4 साल से लगे थे। असम में NRC कार्यालय 2013 में बना था, पर उच्चतम न्यायलय की निगरानी में काम 2015 से आरम्न्भ हुआ। पहली लिस्ट 2017 और दूसरी लिस्ट 2018 में प्रकाशित हुई थी।

फाइनल लिस्ट में नाम नहीं होने के बावजूद लोगों को खुद को भारतीय नागरिक साबित करने के और मौके दिए जाएंगे। ऐसे विदेशी नागरिक पहले ट्रिब्यूनल में जाएंगे, उसके बाद उच्च न्यायलय और फिर उच्चतम न्यायलय में अपील कर सकेंगे। लोगों को राज्य सरकार भी कानूनी मदद देगी। 2018 की लिस्ट में 3.29 करोड़ लोगों में से करीब 10% को नागरिक नहीं माना था।

सरकार के अनुसार NRC से बाहर होने वाले लोगों के मामले की सुनवाई के लिए राज्य में एक हजार ट्रिब्यूनल बनाए जाएंगे। राज्य में 100 ट्रिब्यूनल बनाए जा चुके हैं, जिनमें से 200 सितंबर पहले हफ्ते में आरम्न्भ हो जाएंगे। लोगों को इस संबंध में अपील करने के लिए 120 दिन की मोहलत मिलेगी।

राज्य में फिलहाल 6 डिटेंशन सेंटर चल रहे हैं। इनमें करीब एक हजार अवैध नागरिक रह रहे हैं। इनमें ज्यादातर बांग्लादेश और म्यांमार के हैं, जो देश की सीमा में बिना किसी कागजात के घुस आए या वीसा अवधि खत्म होने के बाद भी राज्य में बने रहे। हालांकि सरकार ने साफ कर दिया है कि नागरिकता खोने के बावजूद भी लोगों को डिटेंशन सेंटर नहीं भेजा जाएगा।

तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अध्यक्षता में केंद्र सरकार, असम सरकार और आसू (ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन) के प्रतिनिधियों के बीच त्रिपक्षीय बैठक हुई। बैठक में 1985 में हुई असम संधि के समय किए गए वादों को पूरा करने के लिए NRC को अपडेट करने को लेकर कदम उठाने को लेकर तीनों पक्षों के बीच सहमति बनी। इसके बाद केंद्र सरकार ने असम सरकार से बात करने के बाद इसे लागू करने की प्रक्रिया तय की। ‘असम सार्वजनिक वर्क्स’ नाम के एक NGO (गैर सरकारी संगठन) ने सर्वोच्च न्यायालय में याचिका लगाते हुए उन प्रवासियों के नाम मतदाता सूची से हटाने की मांग की, जिन्होंने अपने दस्तावेज नहीं जमा कराए थे। साथ ही इस NGO ने अदालत से NRC प्रक्रिया आरम्न्भ करवाने का अनुरोध भी किया। ये पहला मौका था जब NRC का मामला उच्चतम न्यायलय पहुंचा था। असम सार्वजनिक वर्क्स की याचिका पर सुनवाई आरम्न्भ हुई। उच्चतम न्यायालय ने NRC अपडेट करने के लिए प्रक्रिया आरम्न्भ करने का आदेश दिया। उच्चतम न्यायालय ने वास्तविक नागरिकों और अवैध रूप से रह रहे अप्रवासियों की पहचान के लिए दिसंबर 2013 में ही NRC को अपडेट करने का आदेश दे दिया था। लेकिन इसकी वास्तविक प्रक्रिया फरवरी 2015 में जाकर आरम्न्भ हुई। सरकार ने राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NRC) का पहला ड्राफ्ट जारी किया। असम सरकार ने NRC का दूसरा ड्राफ्ट जारी किया। जिसमें राज्य में निवासी 3.29 करोड़ लोगों में से 2.89 करोड़ लोगों को नागरिक माना गया। इस पर्यंत 40 लाख से अधिक लोगों का नाम सम्मिलित नहीं किया गया। सरकार द्वारा NRC का अंतिम भाग जारी करने के लिए यही अंतिम तारीख तय की गई थी। हालांकि इस तारीख पर ये काम पूरा नहीं हो सका। NRC से बाहर निवासी लोगों की सूची पर एक अतिरिक्त मसौदा प्रकाशित किया गया। इस सूची में कुल 1,02,462 नाम थे, जिसके बाद रजिस्टर से बाहर निवासी लोगों की कुल संख्या 41,10,169 हो गई। सरकार ने नेशनल सिटिजन रजिस्टर (एनआरसी) की अंतिम लिस्ट जारी की। यह फाइनल एनआरसी लिस्ट 31 जुलाई को प्रकाशित होनी थी, पर एनआरसी अथॉरिटी द्वारा राज्य में बाढ़ का हवाला देने के बाद इसे 31 अगस्त तक के लिए आगे बढ़ा दिया गया था। इससे पहले 2018 में 30 जुलाई को एनआरसी का फाइनल ड्राफ्ट आया था। लिस्ट में सम्मिलित नहीं लोगों को पुन: वेरीफेकशन के लिए एक साल का समय दिया था।

SendShare139Tweet87

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

  • Trending
  • Comments
  • Latest

Patna metro rail office starts

मार्च 5, 2019

गिट्टी से भरा ट्रक पलटा, मुखियापति ने की मारपीट

अक्टूबर 10, 2020

कांग्रेस ने भी राजद को दिखाई आँख, सभी 243 सीटों पर लड़ने को तैयार

सितम्बर 26, 2020

क्या नास्त्रेदमस ने कोरोनावायरस महामारी ‘एक जुड़वां वर्ष” में होने की भविष्यवाणी की थी?

अप्रैल 10, 2020

This is the first real image of a black hole

2

पाकिस्तान: अपहृत नाबालिग लड़की से जबरन निकाह शरिया कानून के अनुसार जायज

2

BIADA invites applications for industrial land allotment

1

CCCC 2017: National inter-school cryptic crossword contest to begin tomorrow at Ranchi

1

राजपूतों ने मनाई क्षत्रिय सम्राट मिहिरभोज जयंती

अक्टूबर 18, 2020
बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

अक्टूबर 11, 2020
Shayra Bano

शायरा बानो बनीं भाजपा सदस्य

अक्टूबर 11, 2020

जगनमोहन ने सर्वोच्च न्यायालय के जज एनवी रमन्ना पर लगाये आरोप, मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

अक्टूबर 11, 2020

Recent News

राजपूतों ने मनाई क्षत्रिय सम्राट मिहिरभोज जयंती

अक्टूबर 18, 2020
बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

अक्टूबर 11, 2020

Site Navigation

  • Home
  • Advertisement
  • Contact Us
  • Privacy & Policy
  • Other Links

© 2020 जय बिहार - समाचार

No Result
View All Result
  • Advertisement
  • Contact Us
  • Homepages
    • Home 1
    • Bihar News in Hindi
    • Home 3
    • Home 4
    • Home 5

© 2020 जय बिहार - समाचार

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In