
सुहागिन महिलाओं का बहुप्रतीक्षित करवा चौथ का व्रत इस साल 17 अक्टूबर दिन गुरुवार को पड़ रहा है। यह व्रत कार्तिक मास कृष्ण पक्ष चतुर्थी को मनाया जाता है जो कि इस बार 17 अक्टूबर को है। इस त्यौहार में विवाहित महिलाएं गौरी और गणेश की विधि विधान से पूजा करती हैं। इसके बाद चंद्रमा को अर्घ्य देती हैं। विधि विधान से पूजा करने के लिए जरूरी है कि इस व्रत को अच्छी तरह से मनाने के लिए पहले से ही तैयारी कर ली जाए। करवा चौथ व्रत पूजा सामग्री कुछ आप भूल जाएं कि इससे पहले यहां हम आपको पूजन सामग्री की पूरी लिस्ट दे रहे हैं जिसे कुछ वक्त पहले ही आप बाजार से खरीद सकती हैं।
करवा चौथ व्रत पूजन सामग्री –
पीतल या मिट्टी का टोंटीदार करवा, करवा का ढक्कन, दीपक, रुई की बाती, कपूर, हल्दी, पानी का लोटा, करवा के ढक्कन में रखने के लिए गेहूं, लकड़ी का आसन, चलनी, कांस की 9 या 11 तीलियां, कच्चा दूध, अगरबत्ती, फूल, चंदन, शहद, शक्कर, फल, मिठाई, दही, गंगाजल, चावल, सिंदूर, महावर, मेहंदी, चूड़ी, कंघी, बिंदी, चुनरी, प्रसाद के हलुआ पूड़ी व मिठाई और दक्षिणा के लए रुपए।
करवा चौथ तिथि:
इस बार चतुर्थी तिथि 17 अक्टूबर को 6:48 पर चतुर्थी तिथि लग रही है। अगले दिन चतुर्थी तिथि सुबह 7:29 तक रहेगी। विवाहित महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए करती हैं। इस बार उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट का है। सुबह 6:21 से रात 8:18 तक। इसलिए सरगी सुबह 6:21 से पहले ही खा लें।
पूरे दिन निर्जला व्रत रख कर महिलाएं शाम को चांद को अर्घ्य देकर व्रत को तोड़ती हैं। इस बार चांद 8:18 पर निकलेगा। अगर आपव्रत की कहानी सुनना चाहती हैं और पूजा करना चाहती हैं तो शाम 5:50 से 7:06 तक कर सकती हैं। पूजा के लिए यह शुभ मुहूर्त है। कुल मिलाकर एक घंटे 15 मिनट का मुहूर्त है।
करवा चौथ पूजा मुहूर्त
शाम 5:50 से 7:06
ये मुहूर्त एक घंटे 15 मिनट का है।
करवा चौथ व्रत का समय
सुबह 6:21 से रात 8:18 तक
उपवास का समय 13 घंटे 56 मिनट है।
चांद निकलने का समय: 8:18 रात
इस बार रोहिणी नक्षत्र के साथ मंगल का योग होना अधिक मंगलकारी बना रहा है। यह योग बहुत ही मंगलकारी है और इस दिन व्रत करने से सुहागिनों को व्रत का फल मिलेगा। इस दिन चतुर्थी माता और गणेश जी की भी पूजा की जाती है।