मुंबई – शिवसेना का अपने सिद्धांतों की तिलांजलि देकर सत्ता प्राप्ति के लिए कांग्रेस और एनसीपी के साथ हाथ मिलाना उसके एक स्वाभिमानी और कर्मठ नेता रमेश सोलंकी को रास नहीं आया और उन्होंने मंगलवार की रात को भरे मन से पार्टी से त्यागपत्र दे दिया। सोलंकी एक प्रखर राष्ट्रभक्त की छवि रखते हैं।
उन्होंने एक ट्वीट में लिखा कि वह शिवसेना के बीवीएस (युवा सेना) के पद से त्यागपत्र दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि उनकी अंतरात्मा और विचारधारा कांग्रेस के साथ कार्य करने की स्वीकृति नहीं देती है।
सोलंकी ने ट्वीट किया, “पिछले कुछ दिनों से मेरा पक्ष जानना चाहते थे, अब मुझे अपनी बात साफ तरीके से कहने दो। जो मेरे श्री राम का नहीं है (कांग्रेस), वो मेरे किसी काम का नहीं है।”
उन्होंने कहा, “मैंने कभी किसी पद या टिकट की मांग नहीं की। महाराष्ट्र में सरकार बनने और शिवसेना का मुख्यमंत्री चुने जाने पर बधाई। लेकिन मेरी आत्मा मुझे कांग्रेस के साथ काम करने की अनुमति नहीं देती है। यह मेरे पद, मेरी पार्टी और साथियों के लिए सही नहीं होगा।”
साथ ही उन्होंने इसे अपने जीवन का सबसे कठिन निर्णय भी बताया।
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने लिखा, “कहावत है कि जब जहाज डूबता है तो सबसे पहले चूहे कूदकर भागते हैं। लेकिन मैं अपनी पार्टी को तब छोड़ रहा हूं जब वह शीर्ष पर है।”
सोलंकी शिवसेना के आईटी सेल के सचिव और गुजरात के संपर्क अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते थे।