
- सामान्य किसान की तरह पशु व मछलपालक भी तीन लाख रुपए तक तीन प्रतिशत ब्याज पर ले सकेंगे केसीसी
- पीएम किसान मानधन योजना के लिए बिहार के एक लाख किसानों ने कराया निबंधन
पटना – पशु व मत्स्य संसाधन मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने कहा कि बिहार का दूसरा वेटनरी कॉलेज किशनगंज में खुलेगा। कृषि रोड मैप के आधार पर खेती के साथ ही पशुपालन और मछलीपालन सहित वेटनरी के विभिन्न सेक्टर का विकास किया जा रहा है। सामान्य किसानों की तरह ही पशुपालक और मछलीपालक भी मात्र तीन प्रतिशत ब्याज पर तीन लाख रुपए तक केसीसी ले सकते हैं। गुरुवार को वह बिहार पशु विज्ञान विवि की दूसरी स्थापना दिवस समारोह को संबोधित कर रहे थे।
मंत्री ने कहा कि पीएम किसान मानधन योजना का लाभ फसल उत्पादक के साथ ही पशुपालक और मछलीपाक किसान भी ले सकते हैं। 60 साल के बाद तीन हजार रुपए प्रति माह इस योजना में पेंशन के लिए अब तक पूरे देश में सबसे अधिक बिहार के एक लाख किसानों ने निबंधन कराया है। राज्य में क्षेत्र और जलवायु के आधार पर पशुओं के नस्ल सुधार के लिए योजना बनायी गई है। विभिन्न योजनाओं और पशु व मछलीपालकों के प्रयास से राज्य में दूध, मछली और अंडा उत्पादन बढ़ा है। कॉम्फेड में प्रति दिन 20 लाख लीटर दूध का संग्रहण होता है। कॉम्फेड से 12.5 लाख लोग पशुपालक जुड़े हैं। बिहार से दूध नेपाल, दिल्ली, झारखंड, उत्तरप्रदेश सहित पूर्वोत्तर राज्यों में जा रहा है। इस साल 29 लाख पशुओं के बीमा के लिए कार्रवाई की जा रही है।
2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए वेटनरी सेक्टर ज्यादा मदद कर सकता है। फिशरीज कॉलेज खुल चुका है। इस साल भी कम बारिश होने से कई राज्यों में सूखा जैसी स्थिति है। उत्तर बिहार के 13 जिलों में बाढ़ से खेती बर्बाद हुई है। सूखा प्रभावित जिलों में सर्वे चल रहा है। प्रभावित किसानों को सरकार मुआवजा देगी। पिछले साल 280 प्रखंडों में सूखा प्रभावित 14.5 लाख किसानों को 934 करोड़ की राशि दी गई।