आत्मनिर्भर भारत और कोरोनावायरस तालाबंदी से प्रभावित अर्थव्यवस्था हेतु प्रधानमंत्री मोदी की ओर से घोषित 20 लाख करोड़ के पैकेज के तीसरे हिस्से का वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को घोषणा की। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों हेतु 11 कदमों की घोषणा की। खेती से जुड़े इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुदृढ़ करने हेतु 1 लाख करोड़ रुपए का निधि दिया गया है। इसके अतिरिक्त किसानों को उनके उत्पाद की सही मूल्य दिलाने हेतु तीन सुधारों की घोषणा भी किया गया है। आज कुल डेढ़ लाख करोड़ रुपए के पैकेज का घोषणा की गया।
लॉकडाउन में 74 हजार करोड़ फसल की खरीद
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कि कोरोना तालाबंदी के समय किसानों हेतु कई कदम उठाए गए। एएसपी के रूप में उन्हें 74 हजार 300 करोड़़ रुपए व्यय किए गए हैं तो प्रधानमंत्री किसान के माध्यम से उन्हें 18 हजार 700 करोड़ रुपए दिए गए हैं। प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के अंतर्गत 6400 करोड़ रुपए का मुआवाजा दिया गया है। तालाबंदी के समय दूध की मांग 20-25 प्रतिशत घट गई थी इसलिए उनका 11 करोड़ लीटर अतिरिक्त दूद की खरीद की गई ह। इस पर 4100 करोड़ रुपए व्यय किए गए।
कृषि इन्फ्रास्ट्रक्चर हेतु 1 लाख करोड़ रुपए
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि किसान देश का पेट भरने के साथ निर्यात भी करता है। अनाज भंडारण, कोल्ड चेन और अन्य कृषि आधारित इन्फ्रास्ट्रक्चर हेतु 1 लाख करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। कृषि उत्पादक संघ, कृषि स्टार्टअप आदि का भी इसका लाभ होगा।
खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों हेतु 10 हजार करोड़ रुपए
माइक्रो फूड एंटरप्राइजेज के फॉर्मलाइजेशन हेतु 10 हजार करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इससे देश के पृथक भागों के उत्पादों को ब्रैंड बनाया जाएगा। लगभग 2 लाख घाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को इसका लाभ मिलेगा। इससे जुड़े लाखों व्यक्तियों हेतु रोजगार के अवसर बढ़ंगे। जैसे बिहार का मखाना, जम्मू कश्मीर का केसर, नॉर्थ ईस्ट का बंबू शूट, उत्तर प्रदेश का आम है।
प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना हेतु 20 हजार करोड़ रुपए
पीएम मतस्य संपदा योजना हेतु 20 हजार करोड़ रुपए रखे गए हैं। इसके वैल्यू चेन में उपस्थित खामियों को दूर किया जाएगा। 11 हजार करोड़ रुपए समुद्री मत्स्य पालन और 9 हजार करोड़ रुपए इसके लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार करने हेतु व्यय किए जाएंगे। इससे अगले 5 वर्ष में मतस्य उत्पादन 70 लाख टन बढ़ेगा। इससे 55 लाख व्यक्तियों को रोजगार मिलेगा और निर्यात दोगुना होकर 1 लाख करोड़ रुपए का हो जाएगा।
नेशनल एनिमल डिजीज कंट्रोल प्रोग्राम
नेशनल एनिमल डिजीजी कंट्रोल प्रोग्राम के अंतर्गत मुंह पका-खुर पका रोग से बचाने हेतु पशुओं को टीका लगाया जाएगा। इस पर 13,343 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इस योजना के अंतर्गत 53 करोड़ पशुओं को टीका लगाया जाएगा। अभी तक 1.5 करोड़ गाय और भैसों को टीका लगाया गया है। इससे दूध उत्पादन में वृद्धि होगी और उत्पादकों की गुणवत्ता श्रेष्ठतर होगी।
पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु 15 हजार करोड़
पशुपालन में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास हेतु 15 हजार करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इससे अधिक दूध उत्पादन होगा और प्रोसेसिंग यूनिट आदि लगाए जाएंगे।
हर्बल खेली हेतु 4 हजार करोड़ रुपए
हर्बल खेती के लिे 4 हजार करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। 10 लाख हेक्टेएयर में यह खेती होगी। इससे किसानों को 5 हजार करोड़ रुपए की आय होगी। इनमें से 800 हेक्टएयर की खेती गंगा के दोनों किनारों पर की जाएगी।
मधुमक्खी पालन हेतु 500 करोड़ रुपए
मधुमक्खी पालन हेतु 500 करोड़ रुपए व्यय किए जाएंगे। इससे 2 लाख मधुमक्खी पालकों को लाभ होगा और उपभोक्ताओं को श्रेष्ठतर शहद मिलेगा। कृषि आधारित मधुमक्खी पालन किसानों को अतिरिक्त आय उपलब्ध कराता है।
कृषि उत्पाद मूल्य और गुणवत्ता
किसानों हेतु सुविधाजनक ऐसा कानूनी ढांचा बनाया जाएगा, जिसके अंतर्गत उसे निश्चित आय हो। , संकट रहित खेती हो और गुणवत्ता मानकीकरण किया जाएगा। इससे किसानों के जीवन में परिवर्तन जाएगा। वह बड़े खुदरा व्यापारी, निर्यातकों के साथ पारदर्शिता के साथ कार्य कर सकेंगे। ताकि किसानों का उत्पीड़न ना हो।
टॉप टु टोटल हेतु 500 करोड़
इस योजना के अंतर्गत 500 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। पहले यह टमाटर, आलू और प्याज हेतु था लेकिन अब अन्य सभी फल और सब्जियों हेतु लागू किया जाएगा। जो खाद्य पदार्थ नष्ट हो जाते थे और दबाव में कम मूल्य में बेचना पड़ता है। इस योजना के अंतर्गत सभी फल सब्जियों को लाने से 50 प्रतिशत अनुवृत्ति मालभाड़े और 50 प्रतिशत भण्डारण, कोल्ड भण्डारण हेतु दी जाएगी।
किसान जहां चाहें वहां बेच सकेंगे उत्पाद
किसान को अभी एपीएमसी लाइसेंस धारकों को ही अपना उत्पाद बेचना पड़ता है। किसानों को अपने उत्पाद की सही मूल्य मिले और दूसरे राज्यों में जाकर भी उत्पाद बेच सकें उसके लिए कानूनी में परिवर्तन किया जाएगा। एक केंद्रीय कानून के अंतर्गत उन्हें किसी भी राज्य में अपना उत्पाद ले जाकर बेचने की छूट होगी।
आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन
कृषि क्षेत्र में प्रतिस्पार्धा और निवेश बढ़ाने हेतु 1955 के आवश्यक वस्तु अधिनियम में परिवर्तन किया जाएगा। इससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। किसानों को कम मूल्य पर उत्पाद बेचना पड़ता था। तिलहन, दलहन, प्याज, आलू को अनियमित किया जाएगा ताकि किसानों को लाभ मिल सके। आवश्यक वस्तु अधिनियम में संशोधन के बाद प्रसंस्करण करने वालों तथा मूल्य श्रृंखला के अन्य भागीदारों पर भंडारण सीमा लागू नहीं होगी। राष्ट्रीय आपदा, भुखमरी जैसी आपात स्थितियों में ही भंडारण सीमा रहेगी।
इससे पहले बुधवार और गुरुवार को उन्होंने एमएसएमई, नौकरी पेशा, टैक्सपेयर्स, किसानों, छोटे व्यापारियों, फेरीवालों और प्रवासी श्रमिकों हेतु राहत की घोषणा कर चुकी हैं। कोरोनावायरस संकट को अवसर में परिवर्तित करने हेतु प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की घोषणा करते हुए देश के सामने ‘आत्मनिर्भर भारत’ के महत्वाकांक्षी मिशन का घोषणा की था। तद्पश्चात वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने निरंतर दो दिन पैकेज का विवरण देश के सामने रखा है।