सोने-चांदी की कीमतों में जबर्दस्त इजाफा होने के बावजूद जनवरी-मार्च की तिमाही में गोल्ड के मांग में भयंकर कमी आई है। इन महीनों में सोने की मांग में जहां 36 फीसद की गिरावट दर्ज की गई वहीं ज्वैलरी की मांग भी 41 फीसदी कम रही। अगर कीमत की बात करें तो वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की पहली तिमाही के दौरान सोने की कीमतों में 25 फीसदी का उछाल आया। न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक WGC India के मैनेजिंग डायरेक्टर सोमसुंदरम ने कहा कि इसकी औसत कीमत 36,875 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई। 2019 की समान अवधि में सोने की औसत कीमत 29,555 रुपये प्रति 10 ग्राम थी।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की पहली तिमाही के गोल्ड डिमांड ट्रेंड्स रिपोर्ट के अनुसार जनवरी-मार्च की तिमाही में सोने की मांग घटकर 102 टन रह गई। इस दौरान निवेश के लिए सोने की मांग 17 फीसदी गिरकर 28.1 टन तक रही। इस तरह मार्च तिमाही के दौरान कुल सोने की मांग महज 102 टन रही, जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह 159 टन थी। इस दौरान वैश्विक गोल्ड डिमांड सिर्फ एक परसेंट बढ़कर 1,083.8 टन पहुंच गई।
वहीं अगर मूल्य के हिसाब से देखें तो इस दौरान भारत में सोने की मांग 20 फीसदी घटकर 37,580 करोड़ रुपये की रही जो 2019 की समान अवधि में 47,000 करोड़ रुपये की थी। वहीं दूसरी ओर पीली धातु के सबसे बड़े उपभोक्ता चीन में सोने के आभूषणों की मांग 13 साल के निचले स्तर 64 टन रही। समीक्षा के दौरान इसमें 65 प्रतिशत की भारी गिरावट दर्ज की गई।