गया विमान पत्तन पर कार्गो टर्मिनल के शीघ्र आरम्न्भ होने की संभावना है। यहां से इंटरनेशनल फ्लाइटों के ऑपरेट होने कारण इससे आर्थिक विकास के नए रास्ते खुलेगें। बिहार के शाही लीची व मधुबनी पेटिंग्स के अतिरिक्त गया के तिलकुट, अनरसा व लाई को भी अंतरराष्ट्रीय बाजार मिलेगा। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, विमान पत्तन अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने इसकी स्वीकृति दे दी है व इसका प्लान तैयार हो रहा है। शीघ्र ही यह प्लान टेंडर प्रक्रिया में आ जाएगा। कार्गो टर्मिनल के बनने से सूबे को लाभ होगा। खासकर जैविक फसल उत्पादन करने वाले किसानों को उत्पाद इंटरनेशनल मार्केट तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। सूबे में गया विमान पत्तन सबसे बड़ा विमान पत्तन है व इसके विकास की असीम संभावना है।
फ्लाइट में दो टन सामान की है अतिरिक्त जगह मिली जानकारी के अनुसार, गया से संचालित विभिन्न विदेशी-देशी सेवा उड़ानों में दो टन सामान की अतिरिक्त जगह खाली रह रही है। अगर गया से सामानों का निर्यात किया जा सके, तब स्थानीय उद्योगों को भी लाभ होगा। गया से ऑर्गेनिक सब्जी, फल, मानपुर के हैंडलुम व खादी के कपड़ों को भेजा सकता है। पत्थर, साफ्ट लकड़ी व धातु की मूर्तियों का भी विदेशों में डिमांड है।
विदेश से आ सकते हैं फूल यही नहीं विदेशों से भी फूल सहित अन्य सामानों का आयात किया जा सकता है। महाबोधि मंदिर में वार्षिक पूजा सत्र के समय महाबोधि मंदिर की सजावट को विदेशी फूल की आवश्यकता होती है। अभी इस डिमांड को कोलकाता सहित अन्य बड़े शहर पूरा कर रहे हैं। कार्गो टर्मिनल बन जाने से गया में ही फूल उपलब्ध होगें। ऐसा होने से गया आयात-निर्यात हब बन सकता है, जिसका सीधा लाभ स्थानीय लोगों को होगा।
जनवरी में एडवायजरी बोर्ड ने दी थी स्वीकृति 30 जनवरी 2019 को सांसद हरि मांझी की अध्यक्षता में विमान पत्तन एडवायजरी बोर्ड की हुई बैठक में इस पर विस्तार से चर्चा हुई थी। बैठक में विमान पत्तन अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कार्गो लॉजिस्टिक के मुख्य ऑपरेटिंग ऑफिसर बीके मेहरोत्रा भी सम्मिलित थे। उन्होंने व बैठक में मौजूद अन्य सदस्यों ने कहा था कि एयर कार्गो टर्मिनल के बनने से गया व आसपास के उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
36 एकड़ में कार्गो टर्मिनल का है प्रस्ताव गया विमान पत्तन के मास्टर प्लान में टेकुना के 36 एकड़ भूमि पर कार्गो टर्मिनल का प्रस्ताव है। मास्टर प्लान के अंतर्गत कार्गो टर्मिनल के अतिरिक्त अत्याधुनिक एयर ट्रैफिक कंट्रोल टावर का भी निर्माण चल रहा है। इसके बन जाने से श्रेष्ठतर संचार सुविधा उपलब्ध होगी। भूमि अधिग्रहण के लंबित प्रस्ताव के पूरा होने पर डोमेस्टिक व इंटरनेशनल टर्मिनल अलग होगा।