
पटना – लोक आस्था का महापर्व छठ नहाय-खाय के साथ गुरुवार 31 अक्टूबर से आरंभ हो जाएगा। महापर्व को लेकर शहर में चहल-पहल दिखने लगी है। विभिन्न रीति-रिवाज से जुड़े लोगों के साथ आम लोग भी छठ पर्व का अनुष्ठान करेंगे। छठ पर्व पर बाहर से अपने घर लौटने वाले लोगों के आने का सिलसिला जारी है। वहीं, गली-मुहल्ले में छठ के पारंपरिक गीत गूंज रहे हैं, जिससे पूरा माहौल छठमय नजर आ रहा है।
अलग-अलग रीति-रिवाजों के बावजूद सबको एक कर देता छठ पर्व
शहर में वर्षो से रह रहे मारवाड़ी और जैन परिवार के लोगों के साथ आम लोग भी छठ को पूरी श्रद्धा के साथ मनाएंगे। भले ही लोग अलग-अलग रीति-रिवाज से जुड़े हैं पर छठ महापर्व सभी को एक सूत्र में बांधकर एक कर देता है। पर्व को लेकर घरों में तैयारी जोर-शोर से चल रही है। कोई घर की साफ-सफाई करने में लगा है तो कोई व्रती पूजा के बर्तनों की सफाई करने में। उद्देश्य एक, छठी मइया की कृपा बने रहने का।
गली-मुहल्ले में गूंजने लगे हैं छठ के गीत
लोक आस्था का महापर्व छठ को लेकर घर से घाट तक तैयारियां जोरों पर है। व्रती घर की साफ-सफाई के साथ व्रत के लिए पूजन सामग्री खरीदने में जुट गए हैं। कोई व्रती अपने घर में नहाय-खाय के लिए चावल चुनने में लगी हैं तो कोई छत पर गेहूं सुखाने में लगी हैं। छठ की खास बात यह है कि व्रत की हर विधि के लिए छठ के गीत भी अलग-अलग हैं।
सजा सूप-दउरा का बाजार, जुटने लगे खरीददार
लोक आस्था का पर्व छठ को लेकर मौसमी बाजार सजने लगा है। बांस निर्मित सूप-दउरा को मौसमी बाजार में उपलब्ध है। मंगलवार से इसकी खरीदारी शुरू हो जाएगी। गया, पूर्णिया व झारखंड से सूप, छांटी टोकरी व दउरा की खेप मंगाई गई है। कारोबारियों ने बताया कि संकल्प व्रत नहाय-खाय के दिन से सूप, दउरा व छांटी टोकरी की खरीददारी अधिक होगी। शहर के प्रमुख चौक-चौराहों पर सजे बाजार में छठ के नियमित उपयोग में आने वाली सामग्री सज चुकी है।
पीतल सूप की मांग बढ़ी
छठ को लेकर व्रतियों को बाजार में पीतल का भी सूप है। पीतल सूप खरीदने के बाद भी बाजार में नया सूप का उपयोग हो, इसके लिए बांस की कमाची से तैयार सूप की खरीदारी होती है। सादिकपुर में पीतल सूप व बर्तन के कारोबार से जुड़े कारोबारी राजू व खाजेकलां के निर्मल कसेरा ने बताया कि पीतल सूप वजन के हिसाब से बिकता है।