
दिल्ली विश्वविद्यालय छात्रों को घर बैठे दाखिला देने की तैयारी कर रहा है। इस दिशा में कार्य योजना तैयार किया जा रहा है। स्नातक में दाखिला कॉलेज लेते हैं, इसलिए डीयू कॉलेजों से बदलाव के लिए सुझाव मांगने जा रहा है।
डीयू में दाखिला समिति के विशेष कार्य अधिकारी डॉ. सुकांत दत्ता ने बताया कि प्रवेश परीक्षा आधारित दाखिला में इस साल हमने ऑनलाइन माध्यम से छात्रों को दाखिला दिया है। यह सफलतापूर्वक संपन्न हो गया। अब हम कॉलेजों से सलाह करके कटऑफ आधारित या प्रवेश परीक्षा आधारित दाखिले को ऑनलाइन करने की दिशा में कोशिश करना चाहते हैं।
बाहर के छात्रों को भी लाभ : डॉ. दत्ता ने कहा कि विगत महीने दार्जिलिंग में बंद होने के कारण वहां से छात्र डीयू नहीं आ पाए। केरल में बाढ़ या प्राकृतिक आपदा आती है तो वहां से छात्र निर्धारित समय के अंदर डीयू के कॉलेजों में दाखिले के लिए नहीं पहुंच पाते हैं। कमोबेस यही स्थिति दूसरे राज्यों के साथ भी होती है। ऐसे में यह व्यवस्था उन छात्रों के लिए बेहद लाभदायक होगा। हम डीयू दाखिला से संबंधित छात्र, अभिभावक और कॉलेज तीनों की परेशानी दूर करने की दिशा में विचार कर रहे हैं। कॉलेजों का जैसा फीडबैक मिलेगा, हम उस दिशा में काम करेंगे।
कॉलेजों से राय क्यों जरूरी : डीयू के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि डीयू जब भी दाखिला प्रक्रिया में बदलाव करता है या कोई पहल करता है तो वह कॉलेजों को भी उसमें शामिल करता है। दाखिला कॉलेज ही करते हैं, इसलिए उनसे यह पूछना आवश्यक है कि उनको ऑनलाइन दाखिले से किसी तरह की परेशानी तो नहीं होगी।
पायलट प्रोजेक्ट सफल डीयू पहले भी ऑनलाइन माध्यम से कुछ विषयों की प्रवेश परीक्षा लेता रहा है। लेकिन इस बार उसने प्रवेश परीक्षा के बाद मेरिट आधारित दाखिले ऑनलाइन लिए हैं। ऐसे में अधिकारियों का कहना है कि कटऑफ आधारित दाखिला भी ऑनलाइन हो सकता है, लेकिन इसके लिए कॉलेज प्रिंसिपल को तैयार होना होगा।