नई दिल्ली – भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ( ISRO ) ने अंतरिक्ष क्षेत्र में इतिहास रच दिया है। इसरो के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 को लेकर ‘बाहुबली’ रॉकेट ने सोमवार दोपहर 2 बजकर 43 मिनट पर सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से उड़ान भरी।
250 वैज्ञानिकों की निगरानी में चंद्रयान -2 ने उम्मीदों की उड़ान भरी।
चन्द्रमा और पृथ्वी के बीच में 3,84,000 किलो मीटर की दूरी है। इस दूरी को पूरा करने में कुल 48 दिन लगेंगे। यानी तकरीबन डेढ़ महीने में चंद्रयान-2 चन्द्रमा पर उतरेगा ।
ISRO ने चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग के बाद कहा कि यह लॉन्चिंग हमारी उम्मीद से काफी बेहतर रही। यह भारत की ऐतिहासिक यात्रा की शुरुआत है। कई वैज्ञानिकों की कड़ी मेहनत से यह सफलता मिली है।
आगामी कुछ दिनों तक जरूरी परीक्षण होते रहेंगे। कड़े परिश्रम से हमने प्रक्षेपण को संभव करके दिखाया है। इसरो ने बताया कि हमने समय रहते अपनी तकनीकी कमियों का भी समाधान किया।
इसरो ने कहा कि अभी हमारा कार्य समाप्त नहीं हुआ है |हम आगे भी विश्व के समक्ष उदहारण पेश करते रहेंगे।
चंद्रयान – 2 जब 48 दिन बाद चन्द्रमा पर उतरने वाला होगा तो उसके अंतिम 15 मिनट अत्यंत महत्वपूर्ण होंगे। इसरो के प्रमुख के. सिवन ने बताया कि चंद्रयान-2 की लैंडिंग के अखिरी के 15 मिनट सबसे महत्वपूर्ण होंगे, जब लैंडर विक्रम चन्द्रमा की सतह पर उतरने वाला होगा।
उन्होंने कहा कि मिशन पूरी तरह से कामयाब सबित होगा और चंद्रमा पर नई चीजों की खोज करने में सफल रहेगा।
चंद्रयान 2 के सफल प्रक्षेपण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट केमाध्यम से वैज्ञानिकों को बधाई दी। उन्होनें लिखा स्वदेशी मिशन के लिए ISRO को ढेर सारी बधाई। चंद्रयान 2 की लॉन्चिंग पर हर भारतीय को गर्व है।
मिशन मून से चांद की नई जानकारी मिलेगी। चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव की जांच में सहायता करेगा।
इसके साथ लोक सभा और राज्य सभा दोनों सदनों में मेज थप-थपा कर चंद्रयान 2 की सफल प्रक्षेपण पर बधाई दी गई। उपराष्ट्रपति वेंकैया नाडयू ने वैज्ञानिकों को कड़ी मेहनत के सफल परिणाम के लिए शुभकामनाएं दीं।
पहले यह प्रक्षेपण 15 जुलाई को होनी थी, लेकिन तकनीकी त्रुटियों के कारण इसे अंतिम समय में टाल दिया गया था। हीलियम के रिसाव इसका कारण बताया गया था ।
चंद्रयान 2 का प्रक्षेपण देखने को लिए हजारों लोग श्री हरिकोटा पहुंचे। रॉकेट के प्रक्षेपण को देखने के लिए कुल 7,500 लोगों ने ऑनलाइन पंजीकरण कराया था।
इसरो ने हाल ही में लॉन्च को देखने के लिए आम जनता को अनुमति दी थी। लोगों के लिए इसरो ने करीब 10 हजार लोगों की क्षमता वाली एक गैलरी भी बनाई, जहां से लोग इस ऐतिहासिक पल के गवाह बने।
चंद्रयान-2 से होने वाला लाभ :
- चन्द्रमा पर पानी की मौजूदगी से जुड़े कई ठोस परिणाम मिलेंगे
- अभियान से चन्द्रमा की सतह का नक्शा तैयार करने में भी मदद
- चन्द्रमा की मिट्टी में कौन-कौन से खनिज हैं और कितनी मात्रा में हैं इसका पता
- हमारी सौर व्यवस्था को समझने और पृथ्वी के विकास क्रम को जानने में भी सहायक
चंद्रयान -2 को लेकर ISRO ने किए चार बदलाव
- यात्रा के 6 दिन कम कर दिए हैं। पहले 54 दिन में पहुंचने वाला चंद्रयान अब 48 दिन में चाँद पर उतरेगा । 6 सितंबर को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव (साउथ पोल) पर उतरेगा।
- चंद्रयान-2 के लिए पृथ्वी के चारों तरफ अंडाकार चक्कर में बदलाव किया है, एपोजी में 60.4 किलो मेतेरे का अंतर आ गया है।
- इसके साथ ही ISRO ने पृथ्वी के ऑर्बिट में जाने का समय करीब एक मिनट बढ़ा दिया गया है।
- चंद्रयान-2 की वेलोसिटी (वेग) को 1.12 मीटर प्रति सेकंड अधिक बढाया गया है ।