
जलवायु परिवर्तन की चुनौती से निपटने के लिए राज्य में जल-जीवन-हरियाली मिशन बनेगा। जल-जीवन-हरियाली अभियान के लक्ष्यों की प्राप्ति और नियमित अनुश्रवण के लिए मिशन के गठन की स्वीकृति बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य कैबिनेट की बैठक में मिली। मुख्यमंत्री इस अभियान की शुरुआत दो अक्टूबर को करेंगे।
मिशन के मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी होंगे। कई विशेषज्ञों को भी मिशन में रखा जाएगा। बिहार विकास मिशन की शासी निकाय भी इस कार्य की मॉनिटरिंग करेगी। कैबिनेट की बैठक के बाद ग्रामीण विकास विभाग के सचिव अरविंद चौधरी ने यह जानकारी दी। ग्रामीण विकास विभाग ही इस अभियान का नोडल विभाग होगा।
तालाबों-कुंओं का किया जाएगी जीर्णोद्धार
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत तालाब, कुंआ, आहर और पईन का जीर्णोद्धार किया जाएगा। छोटे तालाबों को मनरेगा के माध्यम से तो बड़े तालाबों का जीर्णोद्धार लघु जल संसाधन विभाग करेगा। तालाब पर किसी ने कब्जा जमा लिया है तो उसे अतिक्रमण मुक्त कराएगी सरकार। यह भी देखा जाएगा कि तालाब में पानी कहां से आता था। अगर इसके रास्ते में कोई रुकावट आ गई है तो उसे भी दुरुस्त किया जाएगा।
नये जलस्रोतों का भी निर्माण होगा। सभी सड़कों के दोनों किनारों पर पौधे लगेंगे। सरकारी भवनों की छतों पर सोलर प्लेट लगेंगे। साथ ही इन भवनों पर रेन हार्वेस्टिंग की व्यवस्था होगी। निजी भवनों में भी इसके लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। वैकल्पिक फसलों के लिए किसानों को जागरूक किया जाएगा। कम पानी में तैयार होने वाले फसल लगाने के लिए भी लोगों को प्रेरित किया जाएगा। बारिश के दिनों में नदी में जमा हुए अतिरिक्त पानी को उन क्षेत्रों में ले जाने की व्यवस्था होगी, जहां पानी की उपलब्धता कम है। पर्यावरण संरक्षण को लेकर आमलोगों को भी जागरूक किया जाएगा।
परामर्शदात्रि समित गठित होगी
इस अभियान के तहत राज्य और जिला स्तर पर परामर्शदात्रि समिति का गठन होगा। राज्य स्तर पर गठित समिति के अध्यक्ष होंगे संसदीय कार्य मंत्री। विधानसभा के 15 सदस्य और विधान परिषद के पांच सदस्य इस समिति के सदस्य होंगे। दोनों सदनों के क्रमश: अध्यक्ष और सभापति इन सदस्यों को चयन करेंगे। साथ ही सभी विभागों के प्रधान सचिव-सचिव भी इसके सदस्य होंगे। इसी प्रकार प्रभारी मंत्रियों की अध्यक्षता में जिला स्तर पर समिति होगी। सभी विभागों के पदाधिकारी इसके सदस्य होंगे।
तीन साल में खर्च होंगे 24 हजार करोड़
जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत अगले तीन वित्तीय वर्ष में 24 हजार 524 करोड़ खर्च करेगी राज्य सरकार। इस वर्ष 2019-20 में 5870 करोड़, 2020-21 में 9874 करोड़ और 2021-22 में 8780 करोड़ खर्च होंगे।