Jai Bihar
No Result
View All Result
रविवार, जनवरी 17, 2021
  • Login
  • मुख्य पृष्ठ
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
    • रक्षा सुरक्षा
  • विश्व
  • राजनीति
  • उद्योग व अर्थव्यवस्था
  • अपराध
  • विचार
  • विविध
    • धर्म संस्कार
    • संस्कृति व विरासत
  • खेल
Subscribe
Jai Bihar
  • मुख्य पृष्ठ
  • बिहार
  • राष्ट्रीय
    • रक्षा सुरक्षा
  • विश्व
  • राजनीति
  • उद्योग व अर्थव्यवस्था
  • अपराध
  • विचार
  • विविध
    • धर्म संस्कार
    • संस्कृति व विरासत
  • खेल
No Result
View All Result
Jai Bihar
No Result
View All Result
Home अपराध

जस्टिस गोगोई का कार्यकाल रहा बेमिसाल, आज मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे जस्टिस एसए बोबडे

by समाचार पटल
नवम्बर 18, 2019
Reading Time: 1 min

सुप्रीम कोर्ट में लगभग सात साल न्यायाधीश रहे और उसमें से 13 महीने 14 दिन तक मुख्य न्यायाधीश का पद संभालने वाले जस्टिस रंजन गोगोई का कार्यकाल बेमिसाल रहा। अनुशासनप्रिय, सख्त और बेबाक व्यक्तित्व के जस्टिस गोगोई ने अपने कार्यकाल में ऐसे कई फैसले दिये और काम किये जिसके लिए उनका कार्यकाल औरों से अलग और यादगार कहा जा सकता है।

अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में फैसला देना, न्यायिक आदेश से उत्तर प्रदेश में लोकायुक्त की नियुक्ति, असम में एनआरसी, सुप्रीम कोर्ट के ही सेवानिवृत न्यायाधीश मार्कडेय काटजू को कोर्ट में बुलाना और फिर उन्हें अवमानना नोटिस जारी करना कुछ ऐसे ही काम थे।

ऐतिहासिक प्रेस कान्फ्रेंस
इसके अलावा वरिष्ठताक्रम में अगले मुख्य न्यायाधीश बनने की पंक्ति में खड़े जस्टिस गोगोई का सुप्रीम कोर्ट के चार न्यायाधीशों की तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाने वाली ऐतिहासिक प्रेस कान्फ्रेंस में शामिल होना भी उन्हें सामान्य से अलग बनाता है। जस्टिस गोगोई रविवार को अपना चर्चित कार्यकाल पूरा करके सेवानिवृत हो गए। सोमवार को जस्टिस एसए बोबडे मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के जरिए लोकायुक्त हुए थे नियुक्त
जस्टिस गोगोई को आम से अलग करती कुछ घटनाएं देखें तो 16 दिसंबर 2015 का एक आदेश उन्हें इतिहास में कुछ खास मुकाम पर दर्ज कराता है जिसमें देश में पहली बार सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश के जरिये किसी राज्य का लोकायुक्त नियुक्त किया था। जस्टिस गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सेवानिवृत न्यायाधीश जस्टिस वीरेन्द्र सिंह को उत्तर प्रदेश का लोकायुक्त नियुक्त करते हुए अपनी टिप्पणी में कहा था कि सर्वोच्च अदालत के आदेश का पालन करने में संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों का नाकाम रहना बेहद अफसोसजनक और आश्चर्यचकित करने वाला है।कोर्ट को लोकायुक्त की नियुक्ति का स्वयं आदेश इसलिए देना पड़ा था क्योंकि कोर्ट के बार बार आदेश देने के बावजूद लोकायुक्त की नियुक्ति पर प्रदेश के मुख्यमंत्री, नेता विपक्ष और हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश में सहमति नहीं बन पाई थी। देश में यह अपनी तरह का पहला मामला था जिसमें साबित हो गया था कि असहमति की राजनीति की अंतिम परिणित क्या हो सकती है।

सेवानिवृत न्यायाधीश काटजू सुप्रीम कोर्ट में हुए थे पेश
दूसरी ऐतिहासिक घटना 11 दिसंबर 2016 की है जिसमें केरल के चर्चित सौम्या हत्याकांड के फैसले पर ब्लाग में टिप्पणी करने पर जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के सेवानिवृत न्यायाधीश मार्कडेय काटजू को सुप्रीम कोर्ट में बुला लिया था और इतिहास में यह भी पहली बार हुआ था कि कोई सेवानिवृत न्यायाधीश सुप्रीम कोर्ट में पेश हुआ हो और उसने बहस की हो। इतना ही नहीं वहीं कोर्ट में आमने सामने चली बहस मे कोर्ट उसी समय उसे अवमानना नोटिस जारी कर दे। कोर्ट ने काटजू को अवमानना नोटिस जारी करते हुए कहा था कि ब्लाग पर की गई टिप्पणियां प्रथम दृष्टया अवमाननापूर्ण हैं। ये टिप्पणी जजों पर है न कि फैसले पर।

अयोध्या राम जन्मभूमि मुकदमा में संविधानपीठ की अगुवाई
असम में एनआरसी लागू करने का आदेश भी दूरगामी और ऐतिहासिक था। अयोध्या राम जन्मभूमि मुकदमें में संविधानपीठ की अगुवाई जस्टिस रंजन गोगोई ने ही की थी और इस मामले में पांचों न्यायाधीशों का सर्वसम्मति से फैसला आना किसी उपलब्धि से कम नहीं गिना जा सकता। सरकारी विज्ञापनों में नेताओं के फोटो छापने पर रोक और पवित्र धार्मिक पुस्तकों जैसे रामायण आदि के नाम पर सेवा या सामान के ट्रेडमार्क का दावा न किये जा सकने का चर्चित फैसला भी जस्टिस गोगोई की पीठ ने सुनाया था।

जस्टिस गोगोई ने कई उतार चढ़ाव भी देखे
जस्टिस गोगोई ने मुख्य न्यायाधीश बनने के बाद व्यवस्था सुधारने के लिए भी काफी काम किये। मुकदमों को लिस्ट करने की एक व्यवस्था बनाई। सर्वोच्च अदालत देखने की उत्सुक जनता को सुप्रीम कोर्ट के कुछ हिस्से घुमाने की योजना शुरू की। जस्टिस गोगोई ने कई उतार चढ़ाव भी देखे। पूर्व कर्मचारी ने उन पर यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए। आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनी और कमेटी ने आरोपों को निराधार घोषित किया लेकिन जांच कमेटी की क्लीनचिट की रिपोर्ट आने तक जस्टिस गोगोई के लिए बेहद कठिन और चुनौती पूर्ण समय रहा। हालांकि उन्होंने अपना आत्मबल नहीं डिगने दिया और उसी तत्परता से जिम्मेदारियों का निर्वाह करते रहे।

सोमवार को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे जस्टिस बोबडे
जस्टिस एसए बोबडे सोमवार को मुख्य न्यायाधीश पद की शपथ लेंगे। जस्टिस बोबडे देश के 47वें मुख्य न्यायाधीश होंगे। वह 12 अप्रैल 2013 को सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश बने थे। अयोध्या राम जन्मभूमि मामले में ऐतिहासिक फैसला सुनाए जाने के अलावा जस्टिस बोबडे ने अन्य कई महत्वपूर्ण फैसले दिये हैं। इनमें निजता को मौलिक अधिकार घोषित करना, किसी को आधार न होने के कारण सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित नहीं किया जा सकता और प्रदूषण को काबू करने के लिए 2016 में दिल्ली में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाना शामिल है। जस्टिस बोबडे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत होंगे।

SendShare139Tweet87

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

  • Trending
  • Comments
  • Latest

Patna metro rail office starts

मार्च 5, 2019

गिट्टी से भरा ट्रक पलटा, मुखियापति ने की मारपीट

अक्टूबर 10, 2020

कांग्रेस ने भी राजद को दिखाई आँख, सभी 243 सीटों पर लड़ने को तैयार

सितम्बर 26, 2020

क्या नास्त्रेदमस ने कोरोनावायरस महामारी ‘एक जुड़वां वर्ष” में होने की भविष्यवाणी की थी?

अप्रैल 10, 2020

This is the first real image of a black hole

2

पाकिस्तान: अपहृत नाबालिग लड़की से जबरन निकाह शरिया कानून के अनुसार जायज

2

BIADA invites applications for industrial land allotment

1

CCCC 2017: National inter-school cryptic crossword contest to begin tomorrow at Ranchi

1

राजपूतों ने मनाई क्षत्रिय सम्राट मिहिरभोज जयंती

अक्टूबर 18, 2020
बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

अक्टूबर 11, 2020
Shayra Bano

शायरा बानो बनीं भाजपा सदस्य

अक्टूबर 11, 2020

जगनमोहन ने सर्वोच्च न्यायालय के जज एनवी रमन्ना पर लगाये आरोप, मुख्य न्यायाधीश को लिखा पत्र

अक्टूबर 11, 2020

Recent News

राजपूतों ने मनाई क्षत्रिय सम्राट मिहिरभोज जयंती

अक्टूबर 18, 2020
बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

बिहार चुनाव 2020: भाजपा ने दूसरे चरण के लिए 46 प्रत्याशियों की सूची जारी की

अक्टूबर 11, 2020

Site Navigation

  • Home
  • Advertisement
  • Contact Us
  • Privacy & Policy
  • Other Links

© 2020 जय बिहार - समाचार

No Result
View All Result
  • Advertisement
  • Contact Us
  • Homepages
    • Home 1
    • Bihar News in Hindi
    • Home 3
    • Home 4
    • Home 5

© 2020 जय बिहार - समाचार

Welcome Back!

Login to your account below

Forgotten Password?

Create New Account!

Fill the forms below to register

All fields are required. Log In

Retrieve your password

Please enter your username or email address to reset your password.

Log In