एप्राेच राेड पर कई जगह तीखा माेड़, बड़े ट्रकों काे मुड़ने में समय लगने से बार-बार लग रहा जाम
पटना (आलोक द्विवेदी) कागजों पर जेपी सेतु की लंबाई साढ़े चार किलोमीटर और चौड़ाई 33 फीट है। लेकिन, दोनों तरफ पैदल चलने वाले के लिए गैलरी और बीच में डिवाइडर के कारण से सेतु कहीं 28 फीट ताे कहीं 24 फीट चाैड़ा ही रह गया है। यानी, एक लेन 14 फीट।
अब ताे रात 10 से सुबह 5 बजे तक ट्रकाें का भी परिचालन हाेने लगा है। बड़े ट्रक की चौड़ाई 10 से 12 फीट तक रहती है। ऐसे में ट्रक के गुजरने के समय बहुत कम जगह बचती है। ट्रक के पीछे से आने वाली गाड़ियाें काे निकलने का रास्ता नहीं मिलता है, ताे चालक दूसरी लेन में घुसकर ओवरटेक करने की काेशिश करते हैं।
ऐसी हालत में अगर विपरीत दिशा से भी तेजी से गाड़ी आ रही हाे ताे एक्सीडेंट का खतरा रहता है। मौके पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस के अनुसार हर दिन एक दर्जन से अधिक छोटे-बड़े एक्सीडेंट होते हैं। इसके साथ ही पुल के एप्राेच राेड पर कई माेड़ हैं, जहां बड़े ट्रकाें काे मुड़ने में दिक्कत हाे रही है। इससे जाम लग रहा है।
लिंक रोड की चौड़ाई कम, पर्याप्त रोशनी भी नहीं
हर दिन आवाजाही करने वाले अजय सिंह ने कहा कि सेतु के एप्राेच पर आठ जगहाें पर मोड़ है, जिनमें दो स्थानाें पर तीखा मोड़ है। इसकी वजह से बड़े ट्रकाें के मुड़ने के समय दिक्कत हाेती है। इस दाैरान जाम लगता है। एएसआई सुभाषचंद्र सिंह के अनुसार स्पीड कंट्रोल करने वाला अत्याधुनिक यंत्र, सीसीटीवी कैमरा, तीखे मोड़ पर सावधानी यंत्र के साथ ही लिंक रोड की चौड़ाई अधिक हो तो समस्या दूर हाे सकती है। दोनों तरफ पर्याप्त रोशनी की आवश्यकता है। भाजपा सांसद आरके सिन्हा ने जेपी सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन का विरोध किया। कहा- यदि इस पर ट्रकों का परिचालन होगा, तो न सिर्फ यातायात व्यवस्था प्रभावित होगी बल्कि घनी आबादी से भारी वाहनों के गुजरने से दुर्घटना बढ़ेंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से बात करूंगा।
खराब वाहन काे हटाने के लिए क्रेन नहीं
सेतु की चौड़ाई कम होने से यदि कोई वाहन खराब हुआ तो घंटों जाम लग जाता है। सेतु के पास न तो कोई क्रेन है और न ही कोई दूसरी गाड़ी। ऐसे में वाहन खराब होने के बाद क्रेन के इंतजाम में घंटों लग जाते है। इसकी वजह से दोनों तरफ कई किलोमीटर तक गाड़ियों का काफिला लग जाता है। जाम हटाने के लिए मौके पर मौजूद पुलिसकर्मियों को घंटों मशक्कत करनी पड़ती है। इसके साथ ही कई बार चालक सेतु के लिंक रोड के किनारे वाहन लगाकर सो जाते हैं। इससे ट्रैफिक में दिक्कत होती है।
सीसीटीवी कैमरा लगाने का पथ विकास निगम को आदेश
पथ निर्माण विभाग के प्रधान सचिव की अध्यक्षता में शुक्रवार को हुई उच्चस्तरीय बैठक में जेपी सेतु के श्रेष्ठतर रखरखाव और माॅनिटरिंग के लिए बिहार स्टेट रोड डेवलपमेंट कॉरपोरेशन लिमिटेड को सीसीटीवी कैमरा लगाने का आदेश दिया गया है। साथ ही बीएसआरडीसी को सीआरएस फंड से जिला प्रशासन द्वारा निर्धारित किए गए सभी सात चेकपोस्ट पर आवश्यक सुविधा उपलब्ध कराने का निर्देश दिया गया है। प्रधान सचिव ने बताया कि पूरे राज्य में बालू के परिवहन के लिए दस चक्के के वाहनों का ही इस्तेमाल किया जाएगा। विभाग इसके लिए गृह विभाग को पत्र लिखेगा। इसके अतिरिक्त पुल के सतह की सफाई की जिम्मेवारी बीएसआरडीसी को सौंपी गई है। पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य इंजीनियर ने जेपी सेतु पर भारी वाहनों के परिचालन की अनुमति देने पर प्रश्न उठाया था। रेलवे ने रिपोर्ट में कहा है कि इस पुल से हर घंटे 106 ट्रक गुजरते हैं, जिनके बीच एक मीटर से भी कम दूरी रहती है। रात में भारी वाहनों की संख्या अप्रत्याशित रूप से बढ़ जाती है। प्रशासन द्वारा ओवरलोड वाहनों के परिचालन को रोकने की कोई व्यवस्था नहीं है। बैठक में परिवहन आयुक्त सीमा त्रिपाठी, डीएम कुमार रवि मौजूद थे।