
बिहार में में डेंगू के मरीजों की संख्या रविवार तक बढ़कर 1579 हो गयी। इनमें पटना में सर्वाधिक 1135 डेंगू के मरीज पाए गए है तो भागलपुर में 112 डेंगू के मरीज पाए गए है। पटना सहित राज्य के 15 बाढ़ एवं जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों में महामारी की आशंका से निबटने को लेकर स्वास्थ्य विभाग दिन-भर मशक्कत करता रहा।
रविवार को छुट्टी के दिन भी सचिवालय स्थित विभागीय मुख्यालय में स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय, प्रधान सचिव संजय कुमार, राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक मनोज कुमार सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी एवं पदाधिकारी बैठक में मौजूद रहे। इसमें बाढ़ एवं जलजमाव से प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की उच्च्स्तरीय समीक्षा की गयी। स्वास्थ्य मंत्री व अधिकारी करीब दो घंटे तक अबतक की गयी कार्रवाई की समीक्षा की और आगे की रणनीति तय की गयी।
हेल्थ कैंपों में 26,875 मरीजों का हुआ इलाज
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजधानी के विभिन्न इलाकों में हेल्थ कैंपों में अबतक 26 हजार 874 मरीजों का इलाज किया गया। कुल 26 शिविरों का संचालन किया गया। साथ ही, पटना के 22 शहरी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र (यूपीएचसी) में भी डेंगू जांच एवं मरीजों के इलाज की सुविधा प्रदान की गयी। लोगों को हैलोजन की टिकिया एवं दवाओं का वितरण किया गया। इनके अतिरिक्त 10,11 एवं 12 अक्टूबर को पीएमसीएच एवं एनएमसीएच में नि:शुल्क डेंगू जांच शिविर का आयोजन किया गया।
घर-घर ब्लीचिंग पाउडर वितरण का निर्णय
बैठक में घर-घर ब्लीचिंग पाउडर के वितरण, टेमीफॉस के छिड़काव एवं स्लम बस्तियों के कच्चे घरों में विशेष रुप से आईआरएस (आंतरिक अवशिष्ट स्प्रे) कराने का निर्णय लिया गया। बैठक में दूसरे जिलों से छिड़काव दलों को पटना में प्रतिनियुक्त कर दवाओं के छिड़काव का निर्णय लिया गया।