
भागलपुर के जेएसएनएमसीएच यानि मायागंज अस्पताल में डेंगू के डंक की शिकार एक और महिला की मौत इलाज के दौरान हो गयी। अबतक जिले में डेंगू से होने वाली मौतों का संख्या नौ हो गई। इनमें महिलाओं की संख्या पांच हैं।
तिलकामांझी के सच्चिदानंदनगर निवासी नीलम देवी (23) को तीन दिन पहले बदन दर्द, बुखार और जोड़ों में दर्द की शिकायत के बाद न्यू विक्रमशिला कॉलोनी स्थित डॉ. संदीप लाल के क्लीनिक पर ले जाया गया था। नीलम के देवर संदीप कुमार के मुताबिक, डॉ. संदीप लाल ने जांच रिपोर्ट में नीलम देवी को डेंगू होने की पुष्टि की। शुक्रवार को नीलम देवी की तबीयत में सुधार नहीं हुआ तो डॉ. संदीप लाल ने जेएलएनएमसीएच रेफर कर दिया। जेएलएनएमसीएच में नीलम देवी को शुक्रवार की रात आठ बजे भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान शनिवार सुबह नीलम देवी की मौत हो गयी। मृतक के तीन-तीन छोटे-छोटे बच्चे हैं।
23 डेंगू के संदिग्ध मरीज मायागंज अस्पताल में भर्ती
डेंगू के संदिग्ध मरीजों की संख्या कम होने का नाम ही नहीं ले रही है।
शनिवार को मायागंज अस्पताल के इमरजेंसी में संदिग्ध डेंगू के 23 नये मरीज
भर्ती हुए हैं। इसके साथ ही मायागंज अस्पताल में भर्ती होने वाले डेंगू के
संदिग्ध मरीजों का आंकड़ा 1090 को पार कर गया। डेंगू के कन्फर्म मरीजों की
बात करें तो शनिवार को बांका जिले के नवादा रजौन निवासी संगीता देवी (40)
भर्ती हुई। शनिवार को डेंगू वार्ड में 10 मरीज इलाजरत थे।
दिनभर कराहते रहे डेंगू के मरीज, डॉक्टर वार्ड में घुसा तक नहीं
डेंगू वार्ड में भर्ती मरीज शनिवार को दिनभर कराहते रहे, लेकिन इनका दर्द दूर करने के लिए मायागंज अस्पताल का एक भी डॉक्टर नहीं पहुंचा। जबकि इस वार्ड से चंद कदम की दूरी पर एक दर्जन डॉक्टर इमरजेंसी में भर्ती मरीजों का इलाज करने के लिए मौजूद थे। डेंगू वार्ड में भर्ती मरीज ईश्वरनगर इशाकचक निवासी रविशंकर (42) के परिजनों ने बताया कि रविशंकर शुक्रवार की शाम से ही डेंगू वार्ड में भर्ती हैं। यहां पर 10 डेंगू के मरीज भर्ती हैं। शनिवार सुबह से लेकर रात आठ बजे तक डेंगू वार्ड में एक बार भी कोई डॉक्टर देखने तक नहीं आया। जबकि सभी मरीज डेंगू के कारण कराह रहे थे।