
देश में कोरोना वायरस की जांच नि:शुल्क में नहीं होगी। अभी तक सरकार अपील करते हुए निजी लैब को जांच करने की स्वीकृति दे रही थी लेकिन शुक्रवार को उच्च अधिकारियों की हुई बैठक में कोविड-19 की जांच के लिए पांच हजार रुपयह शुल्क तय करने पर सहमति बन चुकी है। सूत्रों का कहना है कि देश में करीब 51 एनएबीएच सर्टिफिकेट प्राप्त लैब हैं जिन्हें लंबे समय से कोरोना वायरस की जांच करने के लिए अनुमति देने पर विचार चल रहा था।
हाल ही में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महानिदेसंदेह डॉ. बलराम भार्गव ने कहा था कि यदि कोई निजी लैब चाहे तो वह नि:शुल्क में कोरोना वायरस की जांच कर सकती है। तद्पश्चात निजी क्षेत्र के लैब संचालकों ने बड़े प्रश्न खड़े किए थे। इनके अनुसार इस आपात स्थिति में वे सरकार का सहयोग देने के लिए तैयार हैं, लेकिन उन्हें मूलभूत व्यय भी मिलना चाहिए। ताकि वह एक सैंपल पर होने वाले व्यय को प्राप्त कर सकें।
यद्यपि बताया यह भी जा रहा है कि मंत्रालय स्तर पर बैठक में बहुत देर आपसी रजामंदी नहीं बन सकी लेकिन आखिर में 5 हजार रुपयह प्रति जांच करने की सहमति बनी है। इस बैठक में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सूदन के अतिरिक्त डॉ. बलराम भार्गव और कई निजी लैब संचालक उपस्थित थे। यद्यपि निजी लैब में जांच कब से आरम्न्भ हो सकेगी? इसके बारे में अभी तय नहीं हुआ है।