बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पिछले साल के प्रथम पांच महीनों की तुलना में इस साल प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती, चोरी एवं सामान्य अपहरण के मामलों में बढ़ोतरी की बात स्वीकारते हुए गुरूवार को कहा कि आगामी 15 अगस्त तक हर थाने में अनुसंधान एवं विधि-व्यवस्था इकाई का गठन कर लिया जाएगा।
बिहार विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2019-20 के लिए गृह विभाग के 109 अरब 68 करोड़ 58 लाख 44 हजार रुपए के आय-व्यय की मांग पर चर्चा के बाद सरकार की ओर से जवाब देते हुए नीतीश ने कहा कि अपराध किसी के चाहने पर पूरे तौर पर खत्म नहीं हो सकता लेकिन इसमें कमी लाना और इस पर नियंत्रण करने का प्रयास करना हमारा कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि चाहे अपराध, भ्रष्टाचार या संप्रदायवाद हो इसके साथ हम किसी प्रकार का समझौता नहीं करते।
नीतीश ने पिछले साल के प्रथम पांच महीनों की तुलना इस साल प्रदेश में हत्या, लूट, डकैती, चोरी एवं सामान्य अपहरण के मामले में वृद्धि होने की बात स्वीकारते हुए कहा कि सामान्य दंगे की घटना में उतरोत्तर अप्रत्याशित कमी इस बात का संकेत है कि समाज में एक-दूसरे के प्रति सौहार्द के वातावरण में वृद्धि हो रही है।
उन्होंने विधि व्यवस्था की स्थिति पहले से बेहतर होने का दावा करते हुए कहा कि इस साल स्वाधीनता दिवस के दिन (15 अगस्त 2019) तक हर थाने में अनुसंधान एवं विधि व्यवस्था इकाई के गठन को पूर्णत: लागू कर दिया जाएगा। इसके लिए हमने अंतिम रूप से कहा दिया है।
नीतीश ने कहा कि नए पुलिस कानून 2007 के तहत यह प्रावधान किया गया था और अब हर थाने में थानाध्यक्ष के अलावा एक अपर थाना अध्यक्ष (अनुसंधान) और एक अपर थाना अध्यक्ष (विधि व्यवस्था) होंगे। प्रत्येक इकाई में किसी के भी पदस्थापन का न्यूनतम कार्यकाल दो वर्ष निर्धारित कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कई पुलिस अनुमंडल, जिनका क्षेत्र बहुत बड़ा है और उनके अधीन आने वाले थानों की संख्या 10 से अधिक है, ऐसे 43 पुलिस अनुमंडलों में गुणवत्तापूर्ण पर्यवेक्षण के लिए अपर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के पद सृजन की कार्यवाही प्रक्रियाधीन है।
नीतीश ने कहा कि सभी थाना अध्यक्ष और अंचल पुलिस निरीक्षक के पद पर पदस्थापन के लिए स्वच्छ छवि वाले पदाधिकारियों का चयन किया जाएगा तथा जिन पदाधिकारियों के विरूद्ध विभागीय कार्रवाई चल रही हो, जिनको तीन या उससे अधिक विभागीय सजा मिल गयी हो, जिनके विरूद्ध पुलिस द्वारा किसी कांड के अनुसंधान में साक्ष्य पाया गया हो, जो अदालत से किसी कांड में दोष सिद्ध हों अथवा जिन पर मद्य निषेध के क्रियान्वयन में कोताही या मिली भगत का आरोप हो, उनका पदस्थापन नहीं किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि विधि व्यवस्था के संधारण के लिए सभी कार्यालयों में विधि व्यवस्था शाखा स्थापित की जा रही है। नीतीश ने कहा कि विधि व्यवस्था के संधारण के लिए 2012 में दंगा विरोधी बल विकसित करने की कार्रवाई की गयी थी उसी को जारी रखते हुए रैपिड एक्शन फोर्स के तर्ज पर बिहार सैन्य पुलिस के तीन वाहिनियों को दंगा निरोधी बटालियन के तौर पर विकसित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सभी थानों में दो वाहन और रेल थाने को एक वाहन का मानक बनाया गया है और 1007 वाहन उपलब्ध कराए गए हैं। नीतीश ने कहा कि गश्त में जाने वाले पुलिसकर्मियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए थाना के गश्ती वाहनों में जीपीएस लगाया जा रहा है।