
राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने स्वीकार किया है कि पटना में डेंगू को लेकर स्थिति गंभीर है। रविवार को जारी विज्ञप्ति में स्वास्थ्य विभाग ने यह स्वीकार किया है। विभाग ने डेंगू व चिकनगुनिया के मरीजों की नि:शुल्क जांच के लिए पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल एवं नालंदा मेडिकल कॉलेज अस्पताल परिसर में 10 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक तीन दिवसीय नि:शुल्क डेंगू जांच शिविर के आयोजन का निर्णय लिया है।
बयान में सरकारी आंकड़ों के हवाले से कहा गया है कि के अनुसार पटना में जनवरी, 2019 से 27 सितंबर 2019 तक डेंगू के कुल 409 मरीज की रिपोर्ट थी। जलजमाव के बाद इनकी संख्या बढ़कर 640 हो गयी है। इनके अतिरिक्त 154 मरीज एनएस-वन, ईयूएसए के पाए गए है। यह डेंगू को लेकर प्रारंभिक जांच की प्रक्रिया है। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बातचीत में कहा कि डेंगू से बचाव को लेकर हरसंभव उपाए किए जा रहे हैं।
जलजमाव वाले इलाकों में टेमीफॉस का छिड़काव
विभाग का दावा है कि शहर के सभी जलजमाव वाले इलाकों में टेमीफॉस का छिड़काव किया जा रहा है। वहीं, टेक्नीक्ल मालाथियॉन का छिड़काव डेंगू प्रभावित क्षेत्रों में किया जा रहा है। इसके लिए पूर्व में गठित 12 टीमों को बढ़ाकर 24 कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त जलजमाव वाले क्षेत्रों में 10 अक्टूबर से सभी घरों में सिंथेटिक पाइरीथाराइड से आईआरएस का छिड़काव किया जाएगा। इसके लिए 10 अतिरिक्त टीमों का गठन किया गया है।
घर में या आसपास पानी का जमाव नहीं होने देने की अपील की
विभाग ने आमलोगों से अपील किया कि अविलंब अपने घर के टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, छत पर जमे पानी, पानी टंकी एवं घर के अंदर व अगल-बगल में अन्य जगहों पर जमे जल की निकासी कर लें। साथ ही पूरे शरीर को ढ़ंकने वाले कपड़े पहनें और दिन में भी सोते समय मच्छरदानी, मच्छर भगाने की दवा या क्रीम का प्रयोग करें।