बेगूसराय – बरौनी परिष्करणशाला (रिफ़ाइनरी) में बीआर-9 परियोजना के अंतर्गत क्षमता वृद्धि के साथ पॉलिप्रोपिलीन यूनिट की स्थापना की भी स्वीकृति मिल गई है।
कच्चे तेल की शोधन क्षमता छह से नौ एमएमटीपीए करने और पेट्रोकेमिकल उत्पादन के लिए विस्तार परियोजना को लगभग 13,779 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से भारतीय ऑयल बोर्ड द्वारा अनुमोदित करने के बाद परियोजना की पूर्व गतिविधियों के अंतर्गत मुख्य यूनिट के लिए प्रक्रिया लाइसेंसकर्ता के चयन सहित संबंधित सुविधाओं को पूरा कर लिया गया है।
यह परियोजना कई मोर्चों पर क्षेत्र की वृद्धि और विकास को गति प्रदान करेगी। परियोजना में आधुनिकतम ऊर्जा दक्ष प्रक्रिया यूनिटों की स्थापना की जाएगी।
इसके अंतर्गत वर्तमान एवीयू तथा सेकेन्डरी प्रोसेसिंग यूनिटों के स्थान पर नौ एमएमटीपीए क्षमता की एक विशाल एटमोस्फियरिक वैक्यूम यूनिट और एक नया पॉलीप्रोपलीन इकाई की संस्थापना की जाएगी।
पीपी यूनिट की स्थापना से क्षेत्र में पेट्रोरसायन युग की शुरुआत होगी, पॉलीमर आधारित डाउनस्ट्रीम उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा और एमएसएमई विक्रेताओं के लिए नए अवसर मिलेंगे।
कॉर्पोरेट संचार प्रबंधक अंकिता श्रीवास्तव ने गुरुवार को यह सूचना देते हुए बताया कि यह वृहत विस्तार योजना क्षेत्र में पेट्रोलियम उत्पादों की बढ़ती घरेलू मांग को पूरा करने में सहयोग करेगी।
इंडियन ऑयल की बरौनी परिष्करणशाला पहले से ही बीएस-सिक्स अनुपालन परिष्करणशाला है और नवंबर 2019 से बीएस-सिक्स ऑटो ईंधन एमएस एवं एचएसडी का उत्पादन और प्रेषण कर रही है।
बरौनी परिष्करणशाला के क्षमता विस्तार से पड़ोसी देश नेपाल की निरंतर ऊर्जा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए सामरिक पेट्रोलियम उत्पादों की आपूर्ति करने में भी सहायत मिलेगी।
विद्यमान आधुनिकतम सल्फर रिकवरी यूनिट के अतिरिक्त, सांविधिक निर्धारित मानदंडों के अनुरूप प्लांट उत्सर्जन के साथ-साथ उत्पादों से सल्फर को रिकवर करने के लिए एक और नए सल्फर रिकवरी यूनिट की स्थापना की जाएगी।
परियोजना निष्पादन के साथ-साथ आसपास के क्षेत्र में गहन हरित क्षेत्र को विकसित किया जाएगा।