
बिहार मंत्रिपरिषद ने पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण में दो कॉरिडोर का कार्य दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) को सौंपे जाने की मंगलवार को स्वीकृति प्रदान कर दी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक के बाद मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि मंत्रिपरिषद ने पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण में दो कॉरिडोर का कार्य डीएमआरसी को सौंपे जाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। उन्होंने बताया कि मंत्रिपरिषद की आज की बैठक के दौरान कुल 15 एजेंडों पर निर्णय लिया गया।
पटना मेट्रो का कार्य डीएमआरसी को सौंपे जाने को स्वीकृति प्रदान की
बता दें कि इसी वर्ष फरवरी में प्रधानमंत्री ने पटना मेट्रो का शिलान्यास किया था। डीएमआरसी को पटना मेट्रो के निर्माण की जिम्मेदारी नामांकन के आधार पर दी गई है। अगले एक सप्ताह में पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (पीएमआरसी) और डीएमआरसी के बीच एमओयू पर हस्ताक्षर होने की संभावना है।
प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि 482.87 करोड़ रुपये की लागत वाले इस कार्य की निविदा प्रक्रिया इस वर्ष के अंत तक पूरा कर कार्य प्रारंभ कर दिया जाएगा। यह परियोजना पांच वर्षों में पूर्ण होगी तथा तीन वर्ष के अंदर प्राथमिकता स्तर पर मेट्रो सेवा प्रारंभ हो जाना प्रस्तावित है।
पटना मेट्रो रेल परियोजना के प्रथम चरण में कार्यान्वित किए जाने वाले दो कॉरिडोर में से पहला कॉरिडोर सगुना मोड़-बेली रोड, पटना जंक्शन-मीठापुर बस स्टैंड के बीच, जबकि दूसरा कॉरिडोर पटना जंक्शन से पटना-गया रोड पर प्रस्तावित बैरिया बस स्टैंड के बीच का है।
दोनों कॉरिडोर शहर के बीचों-बीच घनी आबादी वाले इलाकों से गुजरेंगे। अनुमान है कि 2024 में करीब नौ लाख लोग रोज मेट्रो से सफर करेंगे। राजधानी की 26.23 लाख की आबादी को इससे फायदा होगा।
इस पूरी परियोजना पर कुल 13,411.24 करोड़ की लागत आने का अनुमान है। लागत की 60 % रकम जापानी कंपनी जायका से 0.2% ब्याज पर लोन लिया जाएगा। जबकि राज्य और केंद्र सरकारें कुल लागत का 20-20 फीसदी राशि वहन करेंगी।