बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को उप मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने सदन में वित्तीय वर्ष 2020-21 बिहार का बजट प्रस्तुत किया।
बजट में 62 लाख से अधिक किसानों को राहत दी गई है उनके खाते में सरकारी सहायता पहुंची है। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में शिक्षा पर सबसे अधिक व्यय किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि पूरी विश्व मंदी के दौरा से गुजर रही है। इसका प्रभाव भारत पर भी पड़ने की आशंका है। इसके बावजूद बिहार ने 2019-20 में 15.01 विकास दर प्राप्त किया है।
बिहार के बजट की मुख्या बातें –
- 2 लाख 11 हज़ार 761 करोड़ बजट का आकार
- 31 मार्च तक हर घर नल जल योजना पूरी होगी
- 1 लाख 36 हजार किसानों को सस्ती बिजली
- 8074 चेक डैम बनाए जाएंगे
- स्वास्थ्य पर 1937 करोड़ रुपये होंगे खर्च
- 2020-21 में शिक्षा पर 35 हजार करोड़ खर्च
- यह देश का पहला ग्रीन बजट है
- स्वास्थ्य पर 1937 करोड़ रुपये होंगे खर्च
- 12 जिलों में जैविक खेती की योजना।
ऊर्जा विभाग
- वर्ष 2021-22 तक ग्रिड सब-स्टेशनों की कुल संख्या बढ़कर 169 तथा
- संचरण लाइन की कुल लम्बाई 20,324 सर्किट किलोमीटर हो जायेंगे।
शिक्षा विभाग
- 20 करोड़ रुपये के व्यय से ‘‘तालिम नौ बालगान’’ की शुरूआत की जायेगी।
विज्ञान एवं प्रावधिकी विभाग
·10 अभियंत्रण महाविद्यालयों के परिसर में 336 ।00 करोड़ की लागत से 12 ब्यॉज एवं 9 गर्ल्स छात्रावासों तथा 12 राजकीय पॉलिटेक्निक संस्थानों के परिसर में 520 ।14 करोड़ की लागत से
18 ब्यॉज व 16 गर्ल्स छात्रावासों का निर्माण कराया जायेगा।
स्वास्थ्य विभाग
- इन्दिरा गाँधी आयुर्विज्ञान संस्थान, शेखपुरा, पटना को सुपर स्पेशिलिटी चिकित्सालय के रूप में विकसित करने के लिण् कुल शैय्याओं की वर्तमान संख्या 1,032 से बढ़ाकर 2,732 की जायेगी।
- 500 शैय्या के निर्माणाधीन चिकित्सालय के अतिरिक्त 513.21 करोड़ रू की लागत से 1,200 बेड के नये चिकित्सालय भवन का निर्माण किया जायेगा।
- लगभग 172.95 करोड़ रुपये की लागत से 9 जिला चिकित्सालयों यथा-आरा, अररिया, वैशाली, औरंगाबाद, बांका, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी एवं सहरसा का मॉडल चिकित्सालय के रूप में उन्नयन किया जायेगा।
- वर्ष 2020-21 में 12 जिला चिकित्सालयों यथा-बेगूसराय, भागलपुर, गया, गोपालगंज, मधेपुरा, मुजफ्फरपुर, मुंगेर, नालन्दा, पटना, रोहतास, समस्तीपुर एवं सिवान का भी उन्नयन किया जाएगा।