
बिहार में कोरोना से मृत्यु का पहला मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि राजधानी पटना के एम्स चिकित्सालय में मुंगेर जिले के रहने वाले युवक की मृत्यु हुई है। वहीं शनिवार रात को महाराष्ट्र में 63 वर्षीय एक शख्स की मृत्यु के बाद देशभर में कोविड-19 से मरने वालों की संख्या छह हो गई है। देशभर में कोरोना के रोगियों की संख्या 341 तक पहुंच गई है।
बिहार में कोरोना के दो पॉजिटिव रोगी भी मिले हैं। एक कतर से और दूसरा स्कॉटलैंड से आया है। स्कॉटलैंड वाला रोगी एनएमसीएच में भर्ती कराया गया है। एम्स के निदेशक ने बताया कि मृतक युवक का शव परिवारवालों को सौंप दिया गया है। मिल रही सूचना के अनुसार, मृतक सैफ अली सउदी अरब से आया था 38 वर्षीय सैफ बिहार के मुंगेर जिले का रहने वाला था। स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने सैफ के मृत्यु की पुष्टि की है।
520 यात्रियों को सर्विलांस पर रखा गया, 119 इससे बाहर हुए
बिहार में कोरोना वायरस के लक्षण वाले 520 यात्रियों को अब तक सर्विलांस पर रखा गया है। इनको 14 दिनों तक होम आइसोलेशन पर रखकर चिकित्सकों द्वारा आवेक्षण की जा रही है। वहीं, अबतक 119 संदिग्ध रोगियों को आइसोलेशन से बाहर किया गया है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से सोमवार को जारी सूचना में यह सूचना दी गयी। विभाग से मिली सूचना के अनुसार राज्य में अबतक 85 संदिग्ध रोगियों से जांच के लिए नमूने संग्रह किए गए हैं, यद्यपि इनमें किसी में भी अबतक कोरोना के वायरस नहीं पाए गए।
746 स्थानों पर कोरोना से बचाव को लेकर प्रचार सामग्री वितरित
जानकारी के अनुसार स्वास्थ्य विभाग की पहल पर राज्य के विभिन्न जिलों में 746 स्थानों पर कोरोना से बचाव को लेकर प्रचार सामग्रियों का वितरण किया गया है। लोगों को हाथ धोने, अनावश्यक घर से बाहर नहीं निकलने और आसपास की वस्तुओं को सेनेटाइज करने की परामर्श दी गयी है।
सेना कैंटीन, इंस्टीट्यूट, परेड, बहाली प्रक्रिया बंद
कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सेना ने कई कदम उठाए हैं। सीएसडी कैंटीन, सैनिक इंस्टीच्यूट, कोबरा अधिकारी इंस्टीच्यूट, परेड व बहाली प्रक्रिया को 31 मार्च तक बंद कर दिया गया है। सैन्य अधिकारी आम लोगों से दूरी बनाकर मिल रहे हैं।
सैनिक चिकित्सालय में दो अलग-अलग मेडिकल रिलीफ टीम गठित की गई है। जिसमें 3 सैन्य अधिकारी, 4 जेसीओ व 35 सैनिकों को सम्मिलित किया गया है। साथ में एंबुलेंस, चिकित्सक व इंजीनियर भी तैनात रहेंगे। सैन्य अधिकारियों ने बताया कि सेना चिकित्सालय में 60 बेड वाला आइसोलेशन वार्ड बनाया गया है। छुट्टी या बाहर से आने वाले अधिकारियों व सैनिकों को कोरोना वायरस के आशंका पर स्वास्थ्य जांच की जायेगी। इसके लिए नालंदा छात्रावास को कोरेंटाइन बनाया गया है। सैनिक चिकित्सालय परिसर में बिना मास्क के जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। कोरोना से सामना करने के लिए सेना चिकित्सालय द्वारा कई उपकरणों की खरीदारी की गई है। ताकि कोरोना वायरस संक्रमण से सैनिकों को बचाया जा सके। सैनिकों के बीच जागरूकता चलाया जा रहा है। सैन्य अधिकारी व सैनिक अब बाहरी लोगों से दूरी बनाकर बातें कर रहे है और मिलने से पहले हैंडवास भी करा रहे हैं।
वैश्विक महामारी कोरोना ने दैनिक मजदूरों के कार्य पर ब्रेक लगा दिया है। मजदूरों के बीच भयावह स्थिति उत्पन्न हो चुकी है। मजदूर वर्ग के लोग खाने-पीने के मोहताज हो गए हैं। आर्थिक रूप से पूरी तरह टूट चुके हैं। नौबत यह आ गई है कि किसी-किसी से हजार-दो हजार कर्ज लेकर अपना गुजर-बसर करने पर विवश हैं। कुछ मजदूर शहर छोड़ गांव की ओर पलायन करने की जद्दोजहद में हैं।
शहर के हर चौक-चौराहे पर रोजाना सुबह-सुबह मजदूरों की चौकड़ी लगती है। यह मजदूर कार्य की तलाश में आते हैं। कोई इनमें राजमिस्त्री होता तो कोई मजदूर। इनकी मजदूरी 400 से 600 रुपए तक होती है। इससे इनका गुजर-बसर चलता है। आज कोरोना वायरस के कारण से इनके रोजगार पर एक बड़ा संकट खड़ा हो गया है। कंकड़बाग के अशोक नगर, रामकृष्णानगर, आरएमएस कॉलोनी, कदमकुआं के भट्टाचार्या रोड, दिनकर चौक समेत अन्य इलाकों के मजदूरों के हाल को जानने का प्रयास किया गई।