
राज्य में गंगा का जलस्तर रोज बढ़ रहा है। मुंगेर और भागलपुर को छोड़ सभी जगहों पर यह नदी लाल निशान से ऊपर है। पटना के गांधीघाट पर तो गंगा लाल निशान से एक मीटर चार सेमी ऊपर पहुंच गई है। हालांकि 2016 में बने अब तक के उच्चतम स्तर से लगभग 90 सेमी नीचे है।
इसी के साथ राज्य की छह नदियां अभी लाल निशान से ऊपर हैं। इसके अलावा बागमती, बूढ़ी गंडक, कमला बलान, अधवारा और घाघरा नदियां भी लाल निशान से ऊपर चली गई हैं। गंगा का जलस्तर शुक्रवार को बक्सर में 48 सेमी, पटना के दीघा में 33 सेमी, गांधी घाट में एक मीटर चार सेमी, हाथीदह में 79 सेमी और कहलगांव में 47 सेमी लाल निशान से ऊपर हैं। आरा में भी गंगा खतरे के निशान के ऊपर बह रही है।

वैशाली में भी गंगा और गंडक के जलस्तर में उफान लगातार जारी है। राघोपुर दियारे के दर्जनों गांवों में घरों में पानी घुस गया है। वहीं, बागमती कई जगहों पर लाल निशान से नीचे आ गई है, लेकिन दरभंगा के बेनीबाद और सीतामढ़ी के कटौंझा में लाल निशान से ऊपर है। शुक्रवार को घाघरा नदी भी सीवान के सीसवन में लाल निशान को छूने लगी। वहीं सारण में भी गंगा, सरयू, गंडक व सोनके जलस्तर में उफान से दियारे जलमग्न हो गये हैं।
भागलपुर में एनएच 80 पर आवागमन बाधित
गंगा नदी में शुक्रवार को तीसरे दिन भी उफान जारी रहा। गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि के कारण कई गांवों में भी पानी फैल गया है। एनएच 80 पर बनी पुलिया क्षतिग्रस्त होने से आवागमन बाधित हो गया है। इसके अलावा खगड़िया, मुंगेर, कटिहार, आदि जिले के कई गांवों में गंगा का पानी फैल गया है।
मुजफ्फरपुर-दरभंगा में संकट बरकरार
उत्तर बिहार में गंगा और बागतमी को छोड़कर लगभग नदियों का जलस्तर कम होने के बावजूद बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी है। समस्तीपुर के मोहनपुर में गंगा के जलस्तर में वृद्धि लगातार जारी है। शुक्रवार दोपहर गंगा का जलस्तर बढ़कर 47.03 मीटर पर चला गया, जो कि खतरे के निशान से 1 मीटर 53 सेंटीमीटर ऊपर है। इधर, मोतिहारी-शिवहर पथ पर पानी का बहाव काफी कम हो गया है, लेकिन कीचड़ के कारण वाहनों की आवाजाही लगातार तीसरे दिन भी बंद रही। दरभंगा में कमला बलान का जलस्तर कम होने के बावजूद घनश्यामपुर के कुमरौल में बाढ़ का पानी गांवों में फैल रहा है। मोहनपुर में 24 घंटे में गंगा के जलस्तर में और 16 सेमी की वृद्धि हुई है।