
वैश्विक प्रतिस्पर्धा सूचकांक 2019 में भारत 10 स्थान फिसल कर 68वें पायदान पर आ गया है। जबकि सिंगापुर अमेरिका को पछाड़ते हुए विश्व की सबसे प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्था बन गया है। जेनेवा स्थित विश्व आर्थिक मंच (डब्लूइएफ) द्वारा जारी सूचकांक में भारत को ब्राजील के साथ ब्रिक्स देशों की सूची में सबसे खराब प्रदर्शन करने वाली अर्थव्यवस्था बताया गया है। पिछले साल भारत की रैंकिग 58वीं थी।
डब्लूइएफ ने अपने नवीनतम सूचकांक की घोषणा करते हुए बुधवार को कहा कि भारत की मैक्रोइकोनॉमिक स्थिरता और बाजार का आकार काफी ऊपर है, लेकिन बैंकिंग प्रणाली कमजोर हो रही है। कॉरपोरेट गवर्नेंस के मामले में डब्ल्यूईएफ ने भारत को 15वां स्थान दिया है। वहीं शेयरहोल्डर गवर्नेंस में दूसरा और मार्केट साइज मे तीसरा स्थान दिया गया है।
स्वस्थ जीवन प्रत्याशा के मापदंड पर 109वां स्थान
इनोवेशन के मामले में भारत को कई उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं से ऊपर रखा गया है। इसके बावजूद, सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी (आईसीटी) को अपनाने की गति, स्वास्थ्य और स्वस्थ जीवन प्रत्याशा के मामले में भारत का प्रदर्शन खराब रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत को स्वस्थ जीवन प्रत्याशा के मापदंड पर कुल 141 देशों में 109वां स्थान मिला है। यह अफ्रीका महाद्वीप के बाहर सबसे खराब प्रदर्शन करने वाले देशों में से एक है, साथ ही एशिया के सबसे निचले स्तर पर है।
कौशल निर्माण की दिशा में काम करना है
रिपोर्ट के मुताबिक भारत को लोगों में कौशल निर्माण की दिशा में काम करना है। व्यापार में खुलापन लाने, श्रम बाजार में मजदूरों के अधिकारों का संरक्षण और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की जरूरत है। भारत में लैंगिक असमानता के चलते, पुरुष कामगारों के मुकाबले महिलाओं का अनुपात महज 0.26 है। इस मामले में भारत 128वें पायदान पर है।
ब्रिक्स देशों की सूची में सबसे खराब प्रदर्शन
इस साल जारी सूचकांक में, ब्रिक्स देशों में भारत और ब्राजील ने सबसे खराब प्रदर्शन किया है। ब्राजील सूची में 71वें स्थान पर और चीन 28वें पर है। भारत के पड़ोसी देशों में पाकिस्तान 110वें, श्रीलंका 84वें स्थान, बांग्लादेश 105वें स्थान और नेपाल 108वें स्थान पर है।