बिहारशरीफ के शेखपुरा में शनिवार की रात जदयू नेता अमित वशिष्ठ की हत्या के बाद भड़के पार्टी कार्यकर्ताओं और वशिष्ठ के आक्रोशित समर्थकों ने रविवार को एक धार्मिक स्थल में आग लगा दी। पुलिस और स्थानीय लोगों ने बहुत प्रयास के बाद आग बुझ पाई, यद्यपि धार्मिक स्थल आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया। प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन विरोधी नारे भी लगाए।
स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार, अमित वशिष्ठ उर्फ नंद किशोर कुशवाहा के समर्थक रविवार को शेखपुराके पास बड़ी संख्या में एकत्रित हुए और टायर में आग लगाकर सकड़ पर आवागमन रोक दिया। इसके कारण घंटों तक यातायात बाधित रहा। प्रदर्शनकारियों का एक दल फिर दल्लू चौक गया, और एक धर्मस्थल में आग लगा दी। प्रदर्शनकारियों ने आसपास की व्यवसायी प्रतिष्ठानों को भी बंद करा दिया।
स्थानीय निवासी रणजीत कुमार ने कहा कि प्रदर्शनकारी जदयू नेता पर आक्रमण में सम्मिलित लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग कर रहे थे। उन्होंने बताया, ‘अचानक अफवाह उड़ी कि पीएमसीएच में उपचार के लिए एडमिट एक अन्य घायल मिंटू कुमार की मृत्यु हो गई है, इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने एक धार्मिक स्थल पर हमला कर दिया।’ यद्यपि अभी तक दूसरी मृत्यु की न तो पुष्टि हुई और न ही किसी अधिकारी ने ऐसी घटना से मना ही किया है।
स्थानीय निवासियों को विश्वास में लेने के लिए पुलिस ने क्षेत्र में फ्लैग मार्च किया। अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों को यह भी आश्वासन दिया कि वे जदयू नेता पर आक्रमण में सम्मिलित लोगों को शीघ्र गिरफ्तार करेंगे। शेखपुरा के पुलिस आयुक्त दया शंकर अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ क्षेत्र में डेरा डाले हुए हैं। पर वातावरण अभी भी तनावपूर्ण बताए जा रहा हैं।
विदित हो कि शनिवार सायं अरियरी थाना के सनैया गांव में मूर्ति विसर्जन यात्रा निकाली जा रही था। गांव के एक समुदाय विशेष के लोगों ने विसर्जन के लिए जा रहे लोगों से गाना बंद करने को कहा। जिसके बाद आरम्न्भ हुई कहासुनी हिंसक झड़प में बदल गई। कुछ लोगों ने बंदूक निकालकर फायरिंग और पत्थरबाजी आरम्न्भ कर दी। गोलीबारी और पत्थरबाजी के बीच जदयू नेता अमित वशिष्ठ उर्फ नंदकिशोर कुशवाहा की मृत्यु हो गई थी।
वसंत पंचमी के अवसर पर बिहार में सरस्वती पूजा का विशेष प्रचालन है और लोगों में इस पर्व के आयोजन को लेकर बहुत उत्साह रहता है परन्तु मूर्ति विसर्जन के दौरान हिन्दू और मुस्लिम समुदायों के बीच हिंसा की खबरें आती रहती हैं। हिन्दू श्रद्धालुओं द्वारा सरस्वती पूजा के पश्चात मूर्ति विसर्जन यात्रा पर एक मुस्लिम समुदाय के कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा हमले से उत्पन्न सांप्रदायिक हिंसा की सूचना बिहार के विभिन्न हिस्सों से आई है। पटना, मोतिहारी, कैमूर, मुजफ्फरपुर, आदि अनेक स्थानों पर पुलिस और प्रशासन के त्वरित कार्यवाई से हिंसा को समय रहते काबू पाया जा सका है पर स्थिति तनावपूर्ण है।