विश्व बैंक की टीम ने लिया रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना का जायजा, भद्र घाट, महावीर घाट और नौजर घाट पर होगा काम
पटना राजधानी में रिवर फ्रंट डेवलपमेंट परियोजना के अंतर्गत 20 गंगा घाटों के निर्माण की योजना थी। इसमें से अब तक 16 घाटों का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया है। कलेक्ट्रेट से पटना लॉ कॉलेज घाट के आगे तक रिवर फ्रंट का विकास हो गया है। अब बचे चार में से तीन घाटों का ही विकास कार्य किया जाएगा।
गायघाट पर गंगा एक्सप्रेसवे के उतरने के कारण वहां घाट बनाने की योजना को स्थगित कर दिया गया है। अन्य तीन घाटों के निर्माण के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा गया है। शुक्रवार को विश्व बैंक की टीम ने रिवर फ्रंट डेवलपमेंट का निरीक्षण किया। विश्व बैंक की टीम दो दिवसीय दौरे पर पटना आई थी। इस पर्यंत टीम ने बुडको की ओर से संचालित किए जा रहे परियोजना की समीक्षा की।
ईको सेंटर, घाट, पाथवे का किया निरीक्षण, टीम ने कार्य प्रगति पर जताया संतोष
विश्व बैंक की टीम सबसे पहले कलेक्ट्रेट घाट पहुंची। वहां उन्होंने ईको सेंटर, घाट, पाथवे आदि का निरीक्षण किया। कार्यों का मुआयना करने के बाद टीम ने कार्य प्रगति पर संतोष व्यक्त किया। टीम ने प्रशंसा करते हुए कहा कि कार्य श्रेष्ठतर हुए हैं, लेकिन इसका रखरखाव बहुत महत्वपूर्ण है। यहां पर लोगों को आने के बाद गंगा नदी का दर्शन करने के बाद गौरव का अनुभव हो, इस प्रकार की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस पर्यंत बुडको के अधिकारी व इंजीनियरों ने कार्य के बारे में जानकारी दी।
20 में से अबतक 16 घाट तैयार स्थल निरीक्षण के क्रम में जानकारी दी गई कि रिवर फ्रंट डेवलपमेंट के अंतर्गत 20 में से 16 घाट बनकर तैयार हो चुके हैं। बचे चार घाट में से एक गायघाट है, जिस पर गंगा एक्सप्रेस वे उतर रहा है। इस कारण वहां पर घाट नहीं बन पाएगा। बचे तीन घाट भद्र घाट, महावीर घाट और नौजर घाट पर कार्य आरम्न्भ करने के लिए टाइम एक्शन परमिशन जरूरी है। इसके लिए केंद्र सरकार के नमामि गंगे परियोजना को प्रस्ताव भेजा गया है। केंद्र की अनुमति मिलने के साथ ही कार्य आरम्न्भ कर दिया जाएगा।