
बांका में महिला सशक्तीकरण नये कीर्तिमान स्थापित कर रहा है। स्कूली छात्राओं के आत्मरक्षार्थ कराटे सीखने के मामले के बाद एक और घटना ने सभी की आंखें नम कर दीं।
दरअसल एक वृद्ध महिला की मौत पर जब बहू-बेटी एवं पोतियों ने अर्थी को कांधा दिया तो रो पड़ीं हर आंखें। मामला कटोरिया प्रखंड अंतर्गत कटोरिया पंचायत के तुलसीवरण गांव का है। यहां एक वृद्ध महिला की शव यात्रा में शनिवार को एक अदभुत नजारा देखने को मिला। जहां बेटे और पोते से भरे परिवार में वृद्धा की मौत होने पर उनकी अर्थी को उनकी बहू, बेटियों और पोतियों ने कांधा देकर समाज में अनोखा मिशाल कायम किया।
यह मां, सास एवं दादी के प्रति घर की महिलाओं के अपार प्रेम का जीता जागता नमूना था। शव यात्रा के वक्त एक तरफ जहां सबकी आंखें नम थीं वहीं दूसरी ओर बेटी, बहू एवं पोतियां अर्थी को कांधा दे रही थीं। प्रशंसनीय तो यह है कि मौके पर किसी ने भी इसपर सवाल नहीं उठाया। सभी ने इसे समाज में बेटियों की बराबर भागीदारी की तरफ बढ़े कदमों से एक करार दिया।
शवयात्रा के दौरान जिसने भी ये नजारा देखा उसने कांधा दे रही युवतियों और महिलाओं का मृत आत्मा के प्रति समर्पित प्रेम की भावना को सराहा।
जानकारी के अनुसार तुलसीवरण निवासी समाजसेवी गुरुदेव यादव एवं रामदेव यादव की 85 वर्षीय वयोवृद्ध माता उमियां देवी का निधन तुलसीवरण स्थित निवास पर शनिवार सुबह हो गया। वे अपने पीछे दो बेटे, तीन बेटियों सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गयीं। इस दौरान मृतका की बहू कौशल्या देवी एवं जीरा देवी, बेटी सुलफी देवी, रेशमी देवी एवं सलवतिया देवी, पोती सविता, रेखा, खुशबू, गीता सहित अन्य परिजनों ने बगरा स्थित पैतृक निवास से सटे बडुवा नदी तक अर्थी को कांधा देकर शवयात्रा पूरी की। बडुवा नदी के बगरा घाट पर उनके बड़े बेटे रामदेव यादव ने मुखाग्नि दी। मौके पर सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे।