
देश को झकझोर देने वाले निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले के चारों दोषियों विनय शर्मा , मुकेश सिंह , अक्षय ठाकुर और पवन गुप्ता को शुक्रवार तड़के पांच बजकर 30 मिनट पर यहां तिहाड़ कारावास में फांसी दी गई। सभी दोषियों को फांसी की दंड होने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि निर्भया की पहले वहशियाना तरीके से इज्जत लूटी गई और उसके बाद उसका कत्ल कर दिया गया। पिछले सात वर्ष से पूरा देश इसके विरुद्ध न्याय की आशा में बैठा था। आज निर्भया के दोषियों को फांसी हुई है। सात वर्ष लग गए इसमें मुझे लगता है कि आज वह दिन है कि हम सबको मिलकर संकल्प करने की आवश्यकता है कि दूसरी निर्भया अब नहीं होनी चाहिए।
केजरीवाल ने कहा कि हमने देखा कि पिछले कुछ महीनों से किसी तरह से फांसी की दंड मिलने के बाद भी पूरे सिस्टम को इन लोगों ने किस तरह से घुमाया और हर बार फांसी की दंड मिलती थी और टल जाती थी। हमारे सिस्टम में बहुत सी कमियां है जोकि अनुचित कार्य करने वालों को प्रोत्साहन देती है कि जो मर्जी करो कुछ नहीं होगा और मामला लटकते रहेंगे। तो मुझे लगता है कि आज का दिन है कि हम सबको मिलकर संकल्प लेना चाहिए कि अब इस देश में दूसरी निर्भया नहीं होने देंगे और इसके लिए हमें कई स्तरों पर कार्य करने की आवश्यकता है। हमें पुलिस का सिस्टम ठीक करने की आवश्यकता है। कोई महिला पुलिस में जाती है तो उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की जाती, जिसने अनुचित कार्य किया होता है उसकी शय पर पीड़िता को तंग किया जाता है। उसे ठीक करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि पुलिस की इंवेस्टिगेशन प्रणाली को ठीक करने की आवश्यकता है ताकि शीघ्र से शीघ्र जांच हो। ज्यूडिशल सिस्टम ठीक करने की आवश्यकता है ताकि सात-सात वर्ष ना लगे, छह महीने में फांसी हो। उन्होंने कहा कि पुलिस और कानून तो हमारी पास नहीं है लेकिन हमारी जितनी जिम्मेदारी हमें करने की आवश्यकता है। वह सारे कदम उठाने की आवश्यकता है कि महिलाएं अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सके। पूरी दिल्ली में सीसीटीवी कैमरे हमने लगाने है और लग रहे हैं। दिल्ली में जहां-जहां डार्क स्पॉट है वहां-वहां स्ट्रीट लाइट लगाने की आवश्यकता है। दिल्ली सरकार ने बसों में मार्शल की नियुक्ति की है, जितने कार्य है हमें करने की आवश्यकता है। हमें ऐसा सिस्टम बनाने की आवश्यकता है कि ताकि दूसरी निर्भया ना हो सके।
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि निर्भया का मामला एक उदाहरण है कि हमारे कानून में कितनी कमियां है जोकि दोषियों को सहायता करती है जो पीड़ित को न्याय दिलाने में कितनी विलम्ब करती हैं। हमें बैठकर इन्हें ठीक करना होगा।
तिहाड़ कारावास के महानिदेसंदेह संदीप गोयल ने बताया कि चारों दोषियों को ठीक 5:30 बजे फांसी पर लटकाया गया और करीब 6 बजे यानी आधे घंटे बाद चारों को चिकित्सकों द्वारा मृत घोषित कर दिया गया। कारावास प्रशासन सूत्रों के अनुसार चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया गया और इसके लिए कारावास नंबर-3 की फांसी कोठी में दो तख्तों पर चारों को लटकाने के लिए चार हैंगर बनाए गए थे। इनमें से एक का लीवर मेरठ से आए जल्लाद पवन ने खींचा तथा दूसरे लीवर को कारावास स्टाफ ने खींचा।
शुक्रवार तड़के चारों को इनके सेल से जगाया गया हालांकि, चारों में से कोई भी सोया नहीं था। तद्पश्चात प्रातः की आवश्यक प्रक्रियाएं पूरी करने के बाद इनसे नहाने को कहा गया। तद्पश्चात इनके लिए चाय मंगाई गई लेकिन किसी ने चाय नहीं पी। तद्पश्चात उनसे अंतिम इच्छा पूछी गई और फिर सेल से बाहर लाने से पहले चारों को काला कुतार्-पजामा पहनाया गया तथा हाथ पीछे की ओर बांध भी दिए गए थे। फांसी के बाद निर्भया की मां आशा देवी ने कहा कि आज वह बहुत प्रसन्नता महसूस कर रही हैं क्योंकि उनकी बेटी को आखिरकार इंसाफ मिल गया। उन्होंने कहा कि निर्भया की मां होने के नाते आज वह गर्व महसूस कर रही है। सात वर्ष पहले जो घटना हुई उससे लोग और देश शर्मसार हुआ था लेकिन आज न्याय मिला है। निर्भया के पिता ने कहा कि देर से ही सही उनको न्याय मिला। उन्होंने कहा कि उन्होंने एक पिता होने का कर्त्तव्य निभाया है। इंसाफ के लिए दर दर की ठोकरें खाई है लेकिन आखिरकार इंसाफ मिला