कोरोना के कारण कर्फ्यू और तालाबंदी से परेशान प्रदेश के किसान अब अपनी फसलों को ऑनलाइन बेच रहे हैं। किसान को अपनी फसल मंडी लाने की आवश्यकता नहीं है। ई पोर्टल में फसल की ताजा फोटो डालने के बाद ऑक्शन भी ऑनलाइन होगी और व्यापारी स्वयं आपके घर से फसल उठाकर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित होने वाली देश की पहली सोलन की ई-फल व सब्जी मंडी में किसान रुचि ले रहे हैं। 24 घंटे के भीतर किसान की मेहतन का पैसा सीधे उसके अकाउंट में पहुंच रहा है। सोलन की बसाल पंचायत के पांच किसानों ने अपनी तैयार मटर की फसल ऑनलाइन बेची। अगले ही दिन उनके अकाउंट में पैसा आ गया। इसमें किसानों को मूल्य भी अच्छे मिल रहे हैं।
प्रदेश की कृषि उपज मंडी समिति सोलन राष्ट्रीय कृषि बाजार के अंतर्गत कार्य कर रही है। इस मंडी मंडी में पिछले वर्ष भी रिकॉर्ड ऑनलाइन व्यापार हुआ। मंडी के आरम्न्भ होने के बाद से करीब 30 करोड़ रुपये का व्यापार किया जा चुका है। ई पोर्टल से करीब 11 हजार किसान-बागवान जुड़ चुके हैं। मंडियों के राष्ट्रीय कृषि बाजार के साथ जुड़ने के बाद किसान देश की अन्य मंडियों में अपने उत्पाद की बोली लगवा सकते हैं।
व्यापारी भी देश के दूसरे कोने में बैठकर ऑनलाइन बोली लगाकर किसानों के उत्पाद खरीद रहे हैं। इसमें किसानों की संतुष्टि के बाद ही उनके उत्पाद बिकेंगे और उनका पैसा ऑनलाइन उनके खातों में आता है।
कृषि उपज मंडी समिति के सचिव रविंद्र कुमार ने बताया कि सोलन मंडी ई बाजार के अंतर्गत भी कार्य कर रही है। प्रदेश सहित देश में जारी कर्फ्यू के समय किसान ऑनलाइन फसलें बेच सकते हैं। बसाल पंचायत के किसानों ने मटर की फसल ऑनलाइन बेची। इसमें उन्हें इसके अच्छे मूल्य भी मिले हैं।
ई मंडी से सबसे अधिक हिमाचली सेब की मांग रहती है। सोलन-सिरमौर के टमाटर को भी बाहरी राज्यों के व्यापारी खूब पसंद करते हैं। दिल्ली समेत बड़ी मंडियों से सेब और टमाटर विदेशों तक में जाता रहा है।