जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के छात्रों ने सोमवार को हाॅस्टल मैनुअल में बदलाव और मेस फीस बढ़ाने के विरोध में संसद मार्च शुरू किया। हालांकि, पुलिस ने उन्हें बेर सराय रोड पर ही रोक दिया। छात्रों को संसद तक जाने की अनुमति नहीं दी गई थी। उधर, मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने जेएनयू में तनाव को खत्म करने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी का गठन किया। कमेटी छात्रों और प्रशासन के बीच सभी मुद्दों को सुलझाने पर बात करेगी।
छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए, 3 मेट्रो स्टेशन अस्थाई तौर पर बंद कर दिए गए हैं। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने ट्वीट कर कहा- दिल्ली पुलिस की सलाह पर संसद के पास स्थित 3 मेट्रो स्टेशन अस्थाई तौर पर बंद किए गए हैं। उद्योग भवन, पटेल चौक और केंद्रीय सचिवालय स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए गए, साथ ही ट्रेनों को उद्योग भवन और पटेल चौक पर नहीं रोका जा रहा है।
Yellow Line Update
As advised by Delhi Police, trains are not halting at Udyog Bhawan and Patel Chowk. Exit/Entry Gates for Udyog Bhawan, Patel Chowk and Central Secretariat have been closed temporarily.
— Delhi Metro Rail Corporation (@OfficialDMRC)
- छात्रों को रोकने के लिए यूनिवर्सिटी कैम्पस के बाहर पुलिस की 10 कंपनियां (700-800 पुलिसकर्मी) तैनात की गई थीं। संसद के बाहर भी भारी पुलिसबल सुरक्षा में लगा है। जेएनयू टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) ने यूनिवर्सिटी के बाहर पुलिस रखने पर चिंता व्यक्त की है।
- हॉस्टल, मेस समेत अन्य सुविधाओं की फीस बढ़ाने को लेकर छात्रों ने 15 दिनों तक प्रदर्शन किया। हालांकि, कुछ मामलों में फीस बढ़ोतरी का निर्णय वापस लेने के बाद भी छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है। उनका कहना है कि जब तक पहले जैसा फीस स्ट्रक्चर नहीं हो जाता, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा।
- दिल्ली पुलिस के पीआरओ मंदीप एस.रंधावा ने कहा- हम छात्रों से बात करने की कोशिश कर रहे हैं। हमारा प्रयास है कि वे कानून हाथ में न लें। जहां तक लाठीचार्ज की बात है तो हम जांच कर रहे हैं।
- दिल्ली पुलिस ने कहा, “उन्हें सफदरजंग मकबरे के पास रोक दिया गया। हालांकि कुछ उग्र छात्रों ने दोबारा बैरिकेड तोड़ने की कोशिश की। पुलिस के निर्देशों का उल्लंघन करने पर करीब 100 छात्रों को बंधक बनाया गया।” हालांकि पुलिस की समझाइश पर अधिकतर छात्र सहमत थे, लेकिन कुछ लोगों का समूह किसी तरह अरविंदो मार्ग से होते हुए नई दिल्ली की तरफ बढ़ने में कामयाब रहे।
टीचर्स एसोसिएशन ने कहा कि यूनिवर्सिटी के बाहर भारी पुलिसबल की तैनाती से ऐसा लग रहा है कि यह सिर्फ छात्रों को संसद तक मार्च निकालने से रोकने आई है। छात्रों को उनकी आवाज बाहर ले जाने से रोकने की कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। हम उम्मीद करते हैं कि ऐसी कोई स्थिति पैदा नहीं होगी।