15 दिसंबर तक निजी आईटीआई अपने संस्थान की आधारभूत संरचना, प्रायोगिक केंद्र, शिक्षक व छात्र आदि की जानकारी नहीं दी गई तो मान्यता रद्द करने की अनुशंसा केंद्र से की जाएगी। पिछले जुलाई माह में हुई अखिल भारतीय व्यवसायिक परीक्षा और सेमेस्टर परीक्षा का रिजल्ट जारी कर दिया गया है। एनसीभीटी वार्षिक परीक्षा का परिणाम 10 दिसंबर 2019 तक जारी होगा। इसमें अनुतीर्ण विद्यार्थियों को पुन: 3 जनवरी 2020 को परीक्षा होगी। परीक्षा लेने के लिए एनसीभीटी ने राज्य को पत्र भेज दिया है। आईटीआई की प्रायोगिक परीक्षा के लिए बनाये गए सेल्फ टेस्टिंग सेंटर में 30 ऐसे थे, जहां पूर्णांक से भी अधिक अंक दे दिए गए। राज्य की ओर से केंद्र सरकार से सेल्फ टेस्टिंग सेंटर की व्यवस्था बदलने के लिए पत्र भेजा है। श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा ने गुरुवार को अपने कार्यालय में अधिकारियों के साथ नियोजन व प्रशिक्षण निदेशालय से जुड़ी योजना और आईटीआई परीक्षा की समीक्षा की गई।
सभी निजी संस्थानों से उनके आधारभूत संरचना, संबंधन की प्रति और अन्य आवश्यक जानकारी की मांग की गई थी, लेकिन कई संस्थान आदेश का पालने नहीं कर रहे। ऐसे संस्थानों को एक अंतिम मौका 15 दिसंबर तक दिया गया है, तो वे सभी कागजात जमा कर दें। निर्धारित समय तक जो संस्थान सभी आवश्यक कागजात जमा नहीं करते हैं, तो उस संस्थान की मान्यता रद्द करने की अनुशंसा एनसीभीटी से की जाएगी। मंत्री ने निर्देश दिया कि जिस तरह प्रशिक्षण कैलेंडर बनाए गए हैं, उसी तरह परीक्षा कैलेंडर बना कर समय पर परिणाम प्रकाशित कराएं। परीक्षा मूल्यांकन की व्यवस्था के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने करें, ताकि भविष्य में परीक्षा परिणाम घोषित में न विलम्ब हो और न ही किसी तरह की समस्या बने।
प्रायोगिक परीक्षा के लिए पूरे देश में एनसीभीटी के निर्देश पर सेल्फ टेस्टिंग सेंटर बनाया था, लेकिन यह प्रयोग कई केंद्रों पर सफल नहीं हो सके। इसमें कई प्रकार की अनियमितता मिली। लगभग 30 ऐसे परीखा केंद्रों पर पूर्णांक से भी अधिक अंक दे दिया गया। निजी आईटीआई के परीक्षक का चयन निजी संथानों द्वारा ही किया गया था। पूर्णांक से अधिक अंकर देने वाले संस्थानों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। साथ ही केंद्र सरकार से इस व्यवस्था को बदलने के लिए कहा गया है।