बिहार में रविवार को जल-जीवन-हरियाली के समर्थन और शराब और दहेज प्रथा के विरुद्ध मानव श्रृंखला बनाई गई। दावा किया जा रहा है कि मानव श्रृंखला 18 हजार किलोमीटर लंबी थी। इस इवेंट को 4 हेलिकॉप्टर, 3 छोटे विमान और 100 ड्रोन कैमरे से कवर किया गया। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इसे ऐतिहासिक बताया और कहा कि इसमें लोगों का पूरा समर्थन मिला। राजद ने इस आयोजन को पैसे की बर्बादी कहा। पार्टी के नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि जब बिहार में बाढ़ आई थी, तब यह हेलिकॉप्टर नजर नहीं आए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मानव श्रृंखला में बच्चों को जबरन नंगे पैर खड़ा किया गया।
नीतीश कुमार ने ट्वीट कर बताया कि 5.16 करोड़ लोग मानव श्रृंखला में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा कि मानव श्रृंखला के जरिए पूरी दुनिया ने बिहार के मत को देखा है। पर्यावरण संरक्षण के लिए हमने जो कार्य किया है, उसे लोगों का पूरा साथ मिला। पर्यावरण को हो रहे नुकसान को लेकर यदि हम नहीं जागे तो आने वाली पीढ़ी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा।
आज जल-जीवन-हरियाली अभियान तथा नशा मुक्ति अभियान के पक्ष में तथा बाल विवाह एवं दहेज प्रथा के विरोध में 5,16,71,389 बिहारवासियों ने ऐतिहासिक 18,034 कि.मी। लंबी मानव शृंखला बनाई। (1/3)https://t.co/eTSH2ZAdXe#BiharHumanChain2020 #ManavShrinkhala2020 #JalJivanHariyali #मानव_शृंखला pic.twitter.com/BSwwbQ5SjU
&mdash Nitish Kumar (@NitishKumar) January 19, 2020
मानव श्रृंखला का मुख्य कार्यक्रम पटना के गांधी मैदान में हुआ। गया, भागलपुर, आरा, छपरा जैसे शहरों से लेकर गांव-गांव तक लोग सड़क पर खड़े होकर मानव श्रृंखला का भाग बने। मुजफ्फरपुर के दरधा घाट पर तो लोग नाव पर ही एक-दूसरे का हाथ थामे खड़े नजर आए। हालांकि, दरभंगा में तबीयत बिगड़ने से एक शिक्षक की मृत्यु हो गई। शिक्षक मोहम्मद दाऊद बच्चों के साथ खड़े थे। इसी पर्यंत उनकी तबीयत बिगड़ गई और वे चक्कर खाकर गिर पड़े। अस्पताल पहुंचने तक उनकी मृत्यु हो गई थी। डॉक्टरों ने कहा कि हार्ट अटैक के चलते शिक्षक की जान गई। समस्तीपुर में भी एक प्रतिभागी की मृत्यु हो गई। दोनों के परिजन को 4-4 लाख रु। दिए गए हैं।
राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा, " मानव श्रृंखला में स्कूल के बच्चों को नंगे पांव कतार में खड़ा किया गया। इसके चलते कई बच्चे बीमार हो गए। दरभंगा में तो एक स्कूल शिक्षक की मृत्यु भी हो गई। आयोजन की फोटो और वीडियो लेने के लिए 15 हेलिकॉप्टरों का प्रयोग किया गया, जबकि बिहार में बाढ़ आई थी, तब कोई हेलिकॉप्टर नहीं दिखा था। यह सब नीतीश कुमार के अहंकार के चलते किया गया।"