बजट में इस वर्ष इनकम कर में राहत मिलने की सबसे अधिक उम्मीद की जा रही है। जीडीपी वृद्धि में गिरावट को देखते हुए सरकार ने सितंबर में कॉर्पोरेट कर घटाया था, उसके बाद से ही पर्सनल इनकम कर में कटौती की उम्मीदें बढ़ गईं। कुछ रिपोर्ट्स में कहा जा रहा था कि इनकम कर में छूट की लिमिट मौजूदा 2.5 लाख रुपए से बढ़ाकर 5 लाख या 7 लाख रुपए की जा सकती है। हालांकि, बजट का समय करीब आने के साथ अब कहा जा रहा है कि कर कलेक्शन के लक्ष्य से पिछड़ने के कारण से सरकार शायद छूट नहीं बढ़ाए, लेकिन कर दरों में ऐसे परिवर्तन कर सकती है जिससे निम्न और मध्यम आय वालों को राहत मिल जाए। इन्हीं में से एक उपाय है 5 लाख से 10 लाख रुपए तक की आय पर कर की दर 20% से घटाकर 10% करना।
ऐसा करने से करीब 1.5 करोड़ व्यक्तिगत करदाताओं (इंडिविजुअल कर पेयर) को लाभ होगा। वित्त वर्ष 2017-18 (असेसमेंट ईयर 2018-19) के लिए इंडिविजुअल कैटेगरी में 5 करोड़ 52 लाख 60 हजार 219 रिटर्न फाइल हुए थे। इनमें से 27% यानी 1 करोड़ 47 लाख 54 हजार 245 लोग 5 लाख रुपए से 10 लाख तक आय वाले थे।
स्टैंडर्ड डिडक्शन : 50 हजार रुपए | स्टैंडर्ड डिडक्शन : 50 हजार रुपए | बाकी 9.5 लाख रुपए पर कर | बाकी 9.5 लाख रुपए पर कर | 2.5 लाख रुपए तक | 0% | 2.5 लाख रुपए तक | 0% | 2.5 लाख से 5 लाख तक | 5% (12,500 रुपए) | 2.5 लाख से 5 लाख तक | 5% (12,500 रुपए) | बाकी 4.5 लाख पर | 20% (90,000 रुपए) | बाकी 4.5 लाख पर | 10% (45,000 रुपए) | कुल: 1 लाख 2 हजार 500 रुपए | कुल: 57 हजार 500 रुपए | 4% सेस : 4,100 रुपए | 4% सेस : 2,300 रुपए |
टैक्स की गणना में 80 सी के डिडक्शन सम्मिलित नहीं
पिछले वर्ष अंतरिम बजट की घोषणा के अनुसार 5 लाख रुपए तक आय कर नि:शुल्क है। लेकिन, यह छूट रिबेट के जरिए मिलेगी। यानी आपकी आय 2.5 लाख रुपए से अधिक है तो रिटर्न भरना पड़ेगा, यह बात अलग है कि 2.5 लाख रुपए से अधिक और 5 लाख रुपए तक की आय पर जो कर होगा उसमें रिबेट मिल जाएगी। इस बार चर्चा यह भी है कि बजट में 5 लाख तक की आय को पूरी तरह कर नि:शुल्क किया जा सकता है। ऐसा हुआ तो इतनी इनकम वालों को अगले वर्ष से रिटर्न भरने की आवश्यकता नहीं होगी।
नए डायरेक्ट कर कानून का मसौदा तैयार करने के लिए नवंबर 2017 में बनी टास्क फोर्स 19 अगस्त 2019 को अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप चुकी है। बजट में सरकार टास्क फोर्स की रिपोर्ट पर भी विचार कर सकती है। हालांकि, सरकार ने टास्क फोर्स की सिफारिशों को सार्वजनिक नहीं किया है। लेकिन, सूत्रों के जरिए सामने आई जानकारी के अनुसार टास्क फोर्स ने कर स्लैब पर यह सिफारिशें की हैं-
2.5 लाख तक | 0% | 2.5 लाख से 10 लाख | 10% | 10 से 20 लाख रुपए | 20% | 20 लाख से 2 करोड़ | 30% | 2 करोड़ से अधिक | 35% |
टास्क फोर्स ने कर छूट की सीमा 5 लाख रुपए से बढ़ाकर 6.5 लाख रुपए करने का सुझाव भी दिया है। इसके अतिरिक्त स्टैंडर्ड डिडक्शन मौजूदा 50,000 से बढ़ाकर 60,000 रुपए करने को कहा है। कर प्रणाली में यह परिवर्तन करने पर सरकार को 30,000 करोड़ रुपए से अधिक का भार उठाना पड़ सकता है।