अनिकेत त्रिवेदी, पटना : राज्य में रियल इस्टेट से जुड़ी निर्माण एजेंसियों पर रेरा बड़ी कार्रवाई करने जा रहा है। वर्ष के अंत तक जिन निर्माण कंपनियों ने अपने व्यय व निर्माण प्रगति का लेखा-जोखा नहीं दिया है, उन पर जनवरी महीने से प्रतिदिन एक हजार रुपये की दर से जुर्माना लगाया जायेगा। रेरा के अधिकारियों के अनुसार राज्य में करीब 860 प्रोजेक्टों का रजिस्ट्रेशन किया गया है।
इनमें 100 से अधिक परियोजना चल रहे हैं। अधिकतर का कार्य रुका हुुआ है। उन सभी को अपने कार्य की प्रगति रिपोर्ट देनी है। जानकारी के अनुसार सिर्फ 30% (करीब 250) निर्माण कंपनियों ने अब तक अपनी रिपोर्ट जमा की है। बाकी की गतिविधियों की जानकारी रेरा को नहीं है, जबकि प्रावधानों के अनुसार उन्हें प्रतिवर्ष अपनी आर्थिक गतिविधियों की जानकारी देनी है। सीए से माध्यम से तैयार रिपोर्ट करनी है जमा रेरा ने बीते 31 अक्तूबर को नोटिस जारी कर सभी रियल इस्टेट कंपनियों से वार्षिक रिपोर्ट तलब की थी। रेरा की ओर से निर्माण कंपनियों को अपने प्रत्येक परियोजना का बैंक खाता और सीए की ओर से आॅडिटेड रिपोर्ट 31 दिसंबर तक जमा करने को कहा गया था। रिपोर्ट में लाभ-हानि, बैलेंस शीट, कैश फ्लो आदि सभी की जानकारी देनी है। पहले फेज में 10 10 सीए कंपनियां सूचीबद्ध होंगी रेरा में आयी शिकायतों के आधार पर कई ऐसे मामले हैं, जिनमें बिल्डरों ने एक परियोजना का पैसा दूसरे परियोजना में लगा दिया। कई मामले तो ऐसे हैं, जिनमें बिल्डर ने किसी विशेष परियोजना पर आम आदमी के पैसे से अपने नाम पर भूमि तक खरीद ली है और परियोजना को पूरा नहीं कर रहे हैं। उन्हीं बातों को ध्यान में रखकर पहले फेज में रेरा की ओर से लगभग 10 सीए कंपनियों को अपने पैनल में सूचीबद्ध करने की प्लानिंग है।
- 860 प्रोजेक्टों का रजिस्ट्रेशन हुआ है राज्य में
- 100 जनवरी से परियोजना पर निगरानी के लिए सीए फर्म
- 250 आम्रपाली ग्रुप : हजारों निवेशकों को फ्लैट नहीं देने पर सख्ती