मधेपुरा : सोमवार को व्यवसायी अभिषेक स्वर्णकार के साथ हुई लूटपाट व गोलीबारी की घटना के बाद अपराधियों की गिरफ्तारी व लूटपाट किये गये जेवरात की बरामदगी को लेकर स्थानीय व्यवसायी द्वारा पुलिस प्रशासन को दिये गये 72 घंटे के कला्टीमेटम की मियाद समाप्त हो गयी है। स्थानीय पुलिस आरोपियों को गिरफ्तार करने में कामयाब नहीं हो सकी है.
दिन दहाड़े जिला मुख्यालय में स्वर्ण व्यवसायी की दुकान में डाका डालने वाले हथियारबंद अपराधियों की चुनौती अब भी बरकरार लग रही है। घटना के बाद डीआइजी और एसपी स्वयं मामले की निगरानी कर रहे है, जबकि डीआइजी द्वारा अपराधियों के शिनाख्त व गिरोह तक पहुंचने का दावा भी किया गया है। स्थानीय लाइनर व अंतरजिला अपराधी की संभावना! बेखोफ अंदाज में की गयी गोलीबारी व लूटपाट के बाद अंतरजिला अपराधियों की संलिप्तता को लेकर भी कयास लगाये जा रहे है। लोगों के बीच इस बात की चर्चा अधिक है कि बाहर से आने वाला अपराधी मधेपुरा बाजार जैसे संवेदनशील क्षेत्र में घटना को अंजाम देने में स्थानीय अपराधियों की सहायता अवश्य ली गयी होगी। स्थानीय अपराधी निश्चित रूप से घटना के समय लाइनर की भूमिका में होगा। जिसने दुकान के अंदर से लेकर बाहर तक की जानकारी गिरोह तक पहुंचायी होगी। हालांकि पुलिस भी इन बिंदुओं पर तफ्तीश कर रही है। अब तक सदमे में है परिजन जख्मी व्यवसायी को गोलीबारी के बाद सहरसा के सूर्या चिकित्सालय में भर्ती कराया गया था, जहां जांघ में लगी गोली को सर्जरी के बाद निकाला गया है। इसके अतिरिक्त पेट के रास्ते शरीर में घुसी दो गोली स्पाइन में फंसी है। जिसके लिए अभिषेक की सर्जरी की जायेगी। घटना के बाद से अब तक अपराधियों की गिरफ्तारी नहीं होने से परिजन सदमे है। इसके अतिरिक्त स्थानीय व्यवसायी भी सुरक्षा को लेकर विशेषे चिंतित है। उनका कहना है कि बाजार में अपराधी हमला करेंगे तो श्रेष्ठतर व्यवसायिक वातावरण बनाना मुश्किल है।