नई दिल्ली – देशभर में तालाबंदी से प्रभावित आर्थिक क्षेत्रों को संकट से उबारने के लिए दूसरे प्रोत्साहन पैकेज की तैयारी तेज हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसे लेकर प्रमुख मंत्रिमंडल मंत्रियों और आर्थिक मंत्रालयों के अधिकारियों के साथ शनिवार को कई बैठकों कीं।
इन बैठकों में गृह मंत्री अमित शाह, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, आर्थिक मंत्रालयों के प्रतिनिधि और प्रधानमंत्री कार्यालय और मंत्रिमंडल सचिवालय के वरिष्ठ अधिकारी सम्मिलित हुए।
प्रधानमंत्री ने प्रमुख आर्थिक मंत्रालयों जैसे कृषि एवं किसान कल्याण और एमएसएमई के साथ विभिन्न विषयों पर चर्चा भी की। एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी ने बताया कि उनके मंत्रालय ने मध्यम और छोटे उद्यमों के लिए प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री को राहत पैकेज का सुझाव दिया है और विश्वास है कि शीघ्र ही इसकी घोषणा की जाएगी।
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प्रधानमंत्री ने एक के बाद एक ट्वीट में कहा, “आर्थिक वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले एमएसएमई क्षेत्र को सुदृढ़ करने को लेकर एक बैठक की अध्यक्षता की। इस क्षेत्र को अधिक जीवंत, आकर्षक और नए अवसरों को अपनाने योग्य बनाने के पद्धति पर व्यापक चर्चा हुई.”
कृषि क्षेत्र के संबंध में एक अन्य बैठक में कृषि मार्केटिंग में विभिन्न सुधारों, विपणन योग्य अधिशेष का प्रबंधन, किसानों तक संस्थागत कर्ज की उपलब्धता और कानून के उचित समर्थन सहित कृषि क्षेत्र को विभिन्न पाबंदियों से मुक्त करने पर चर्चा की गई।
एक आधिकारिक वक्तव्य में कहा गया कि इस चर्चा में कृषि विकास में तेजी लाने के संदर्भ में वर्तमान मार्केटिंग व्यवस् था में महत्वपूर्ण हस्तक्षेप करने और उचित सुधार लाने पर विशेष रूप से गौर किया गया।
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बयान के अनुसार, ”बैठक के समय कृषि संबंधी मूलभूत संरचना को सुदृढ़ता प्रदान करने के लिए रियायती ऋण, पीएम-किसान लाभार्थियों के लिए विशेष किसान क्रेडिट कार्ड अभियान और किसानों की उचित आय सुनिश्चित करने के लिए कृषि उपज के राज्य के भीतर व एक राज्य से दूसरे राज्य में व्यापार को सुगम बनाने जैसे कुछ महत्वपूर्ण मामलों पर चर्चा की गई। बैठक में ई-कॉमर्स को सक्षम बनाने के लिए ई-नाम को विभिन्न मंचों के मंच के रूप में विकसित करने पर भी चर्चा हुई.”
बयान में कहा गया कि देश भर में कुछ ऐसे एक समान वैधानिक संरचना की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई जिससे खेती के लिए ऐसे नए तौर-तरीके सुगम बनाए जा सकें, जो कृषि अर्थव्यवस्था में पूंजी व प्रौद्योगिकी को सम्मिलित कर सकें।
बाद में वित्त मंत्रालय ने प्रधानमंत्री मोदी के समक्ष अर्थव्यवस्था की स्थिति और इसे संभालने के लिए मंत्रालय की ओर से विचार किए जा रहे आगे के संभावित कदमों को लेकर एक विस्तृत प्रस्तुति भी दी। चर्चा के समय संभी मंत्रालयों ने अपने-अपने क्षेत्रों को सहारा देने के लिए संभावित कदमों की सूचना दी और विभिन्न सुझाव प्रस्तुत किए। सूत्रों ने कहा कि सभी क्षेत्रों की विस्तार से समीक्षा करने के बाद एक राहत पैकेज तैयार किया जाएगा।
प्रधानमंत्री पहले ही शुक्रवार को नागरिक उड्डयन, श्रम और शक्ति सहित विभिन्न मंत्रालयों के साथ बैठकें कर चुके हैं। उन्होंने गुरुवार को वाणिज्य और एमएसएमई मंत्रालयों के साथ घरेलू व विदेशी निवेश आकर्षित करने और देश में छोटे व्यवसायों के पुनरुद्धार पर ध्यान केंद्रित करने के विषय में विस्तृत विचार-विमर्श किया था।
इन बैठकों के समय मोदी के साथ गृह मंत्री और वित्त मंत्री- दोनों उपस्थित थे। सरकार ने हाशिये पर चले गए व्यक्तियों की कठिनाइयों को कम करने के लिए मार्च के अंत में निर्धन महिलाओं और बुजुर्गों के लिए 1.7 लाख करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी।
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