कौशिक रंजन पटना : राज्य के कई कॉलेजों में कर्मियों का पीएफ (भविष्य निधि या प्रोविडेंट फंड) के तर्ज पर अनुचित तरीके से बैंक एकाउंट खोलकर इसमें आयकर छूट लेने का मामला सामने आया है। आयकर विभाग से बिना मान्यता लिए या अधिकृत कराये ही बैंक खाता खोलकर कॉलेज कर्मियों का कॉलेज प्रबंधन या प्रिंसिपल के साथ ज्वाइंट एकाउंट खोलकर इसमें पीएफ मद की राशि जमा कर दी गयी। इस तरह के ज्वाइंट एकाउंट को पीएफ एकाउंट के रूप में प्रदर्शित करते हुए उसमें डेढ़ लाख तक की आयकर छूट कर्मियों को दे दी, जो पूरी तरह से नियम के विरुद्ध है। नियमों की अनदेखी कर कुल जमा राशि में डेढ़ लाख रुपये को काटकर शेष राशि पर ही टीडीसी के रूप में कर जमा कर दिया। आयकर विभाग की जांच में यह गड़बड़ी सामने आयी है। कई कॉलेजों ने आरम्न्भ से ही इस तरह की गड़बड़ी कर रखी है। इसके बाद अब तक की जांच में गड़बड़ पाये गये करीब 300 कॉलेजों को आयकर की नोटिस भेजी जा चुकी है। इसमें सरकारी और संबद्धता प्राप्त दोनों तरह के कॉलेज सम्मिलित हैं। अब तक की जांच में महाराजा कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, मगध विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय से जुड़े कॉलेजों में सबसे अधिक गड़बड़ी पकड़ी गयी है। शेष विश्वविद्यालयों और इनसे जुड़े कॉलेजों की जांच अभी चल रही है। इसके बाद यह गड़बड़ी व्यापक रूप से अन्य कॉलेजों में भी सामने आ सकती है। आरंभिक जांच के अनुसार आयकर महकमा का इन कॉलेजों पर लगभग 70 करोड़ रुपये कर का बकाया निकलता है। सरकारी और संबद्धता प्राप्त दोनों तरह के कॉलेज शामिल यह है नियम : आयकर विभाग के नियमानुसार, जो सरकारी कर्मी होते हैं, उनका जीपीएफ कटता है और इसमें 80-सी के अंतर्गत डेढ़ लाख रुपये की आयकर में छूट मिलती है। यानी कुल जमा राशि में डेढ़ लाख रुपये को घटाते हुए शेष राशि पर ही आयकर देना होता है। डेढ़ लाख रुपये तक की राशि पर आयकर छूट की यह सुविधा गैर-सरकारी कर्मियों को तभी मिलती है, जब उनके पीएफ एकाउंट या आयकर से एप्रुवड एकाउंट में रुपये जमा होते हैं। यह चाहिए था करना सभी कर्मियों का एक पीएफ एकाउंट खोलना चाहिए था, जिसमें संबंधित कर्मियों की पीएफ राशि को जमा करना चाहिए था। इस तरह के पीएफ एकाउंट को खोलवाने से पहले आयकर विभाग से एप्रुवल लेकर इसकी बकायदा अनुमति लेनी चाहिए थी। यह हुई गड़बड़ी : कॉलेज वालों ने सभी कर्मियों का अपने प्रबंधन या प्रिंसिपल के साथ ज्वाइंट सेविंग एकाउंट खोल दिया और इसमें पीएफ मद की राशि जमा करने लगे। यह पूरी तरह से अनुचित है। इस एकाउंट के बारे में आयकर विभाग को किसी तरह की सूचना तक नहीं दी और बिना विभाग को संसूचना दिये ही अपने स्तर से डेढ़ लाख रुपये की कटौती का लाभ ले लिया। टीडीएस जमा करने में इस राशि का कोई उल्लेख तक नहीं किया। कई कॉलेजों में अनुचित तरीके से पीएफ एकाउंट खोलकर आयकर छूट देने के मामले सामने आये हैं। इसमें टीडीएस की भी गड़बड़ी हुई है। फिलहाल इस पूरे मामले की गहन जांच चल रही है। इसके बाद कार्रवाई होगी। आरबी मिश्रा, आयुक्त (आयकर-टीडीएस)