पूर्व वायुसेना प्रमुख बीएस धनोआ ने कहा है कि बालाकोट एयरस्ट्राइक देश के पिछले 47 वर्षों के युद्ध इतिहास में अपनी तरह की पहली गैर-सेना बचाव कार्रवाई थी। धनोआ ने कहा कि बालाकोट का मकसद पाकिस्तान सरकार और वहां छिपे आतंकी संगठनों को यह संदेश देना था कि भारत पर किए गए हमले की उन्हें मूल्य चुकानी पड़ेगी। चंडीगढ़ में पंजाब सरकार की तरफ से आयोजित मिलिट्री लिटरेचर फेस्टिवल में शनिवार को ‘ अंडरस्टैंडिंग द मैसेज ऑफ बालाकोट, कार्यक्रम पर चर्चा के समय धनोआ बोले- बालाकोट एक्शन का संदेश साफ और स्पष्ट था कि आतंकवादियों को पनाह या प्रशिक्षण देने की किसी भी भारत विरोधी कार्रवाई से कठोरतापूर्वक निपटा जाएगा।
पूर्व वायुसेना प्रमुख ने कहा कि बालाकोट हमले के बाद अगले दिन जब पाकिस्तानी एयरक्राफ्ट हमारे सामने आए, तो हम उन्हें अधिक नुकसान नहीं पहुंचा पाए। धनोआ ने कहा कि इससे एक बड़ी सीख मिली कि सीमित युद्ध में तकनीक सबसे अधिक मायने रखती है। उन्होंने पिछली सरकारों पर प्रश्न उठाते हुए कहा, ” उन लोगों का उत्तरदायित्व का क्या, जिन्हें यह तकनीक हमारे लिए लानी थी और वे 10 वर्ष तक एयरक्राफ्ट के लिए बातचीत ही करते रह गए? क्या होता यदि पाकिस्तान के साथ आमने-सामने आने के समय कमांडर अभिनंदन वर्तमान के पास राफेल फाइटर जेट होता तो?”
बालाकोट पर चर्चा के समय पैनल में पूर्व एयर मुख्य मार्शल धनोआ, स्क्वाड्रन लीडर समीर जोशी और रक्षा विशेषज्ञ प्रवीन साहनी सम्मिलित थे। धनोआ ने आतंकी हमलों के प्रति भारत सरकार के बदलते रुख की प्रशंसा करते हुए कहा, ” 1993 के मुंबई बम धमाकों और 2008 के आतंकी हमले के बाद हमारी तरफ से कोई सैन्य प्रतिक्रिया नहीं हुई। लेकिन 2016 में उड़ी हमलों के बाद सेना ने पीओके में घुसकर आतंकियों के लॉन्च पैड विनष्ट किए। इससे पाकिस्तान को साफ संदेश मिल गया कि नई सरकार किसी बड़े हमले का उत्तर सैन्य तरीके से देना जानती है।”
धनोआ ने बताया कि 14 फरवरी को पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को यह डर सताने लगा था कि भारत की तरफ से इसका उत्तर दिया जाएगा, लेकिन प्रश्न सिर्फ दो ही थे- कहां और कब? हमने निर्णय किया कि पाकिस्तान में बालाकोट में आतंकी संगठन जैश के प्रशिक्षण कैंप को विनष्ट करेंगे। सरकार और राजनीतिक इच्छाशक्ति भी साफ थी कि पाकिस्तान और जैश को यह संदेश पहुंचे कि भारत पर हमले की मूल्य चुकानी पड़ेगी। फिर आप चाहे जहां भी हों। पाकिस्तान या पीओके। हम तुम तक अवश्य पहुंचेंगे।