ऐश्वर्या-राबड़ी विवाद । सुरक्षाकर्मियों को भी मारपीट व बदतमीजी करने के लिए बनाया गया है आरोपित, महिला थाने में मामला दर्ज पटना : महिला थाने में रविवार की देर रात ऐश्वर्या राय के वक्तव्य के आधार पर पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, पति व पूर्व मंत्री तेजप्रताप यादव व ननद मीसा भारती के विरुद्ध दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा के अंतर्गत केस दर्ज कर लिया गया है। इसके साथ ही मारपीट व बदतमीजी के मामले में दो सुरक्षाकर्मियों को भी आरोपित बनाया गया है। महिला थानाध्यक्ष आरती कुमारी जायसवाल ने राबड़ी देवी, तेजप्रताप व मीसा भारती के विरुद्ध केस दर्ज किये जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि दहेज प्रताड़ना व घरेलू हिंसा के अंतर्गत केस दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है। इसके पूर्व केस दर्ज होने के संबंध में पुलिस के वरीय अधिकारी बचते नजर आये। यहां तक की महिला थानाध्यक्ष आरती कुमारी यसवाल आवेदन को लेकर महिला थाने पहुंची और फिर थोड़ी देर में आने की जानकारी देकर निकल गयी। इसके बाद वे वापस नहीं लौटी। लेकिन फिर बाद में फोन पर केस दर्ज किये जाने की पुष्टि की। देर रात तक पूरे प्रकरण को लेकर गहमा-गहमी बनी रही। झलकियां चंद्रिका राय के विरुद्ध नारेबाजी देखते हुए राय परिवार ने भी अपने समर्थक बुला लिये थे। उन युवकों ने कोई नारेबाजी नहीं की और कुछ समय रुक कर चले गये। मेडिकल चेकअप कराने के बाद एेश्वर्या के लौटने के बाद राबड़ी का आवास पुलिस छावनी में तब्दील हो गया। राबड़ी आवास के सुरक्षाकर्मियों ने आवास के मुख्य गेट को अंदर से बंद कर बगल वाले गेट पर ताला जड़ दिया। इसलिए कोई अंदर से बाहर और बाहर से अंदर नहीं जा पाया। कराया गया उपचार बताया जाता है कि राबड़ी देवी आवास के पास ऐश्वर्या की जानकारी पर उनके पिता चंद्रिका राय व मां पूनम देवी भी पहुंच गयी। इसके बाद पूरे मामले की जानकारी पूर्व मंत्री चंद्रिका राय ने एसएसपी को दी। एसएसपी के निर्देश पर सचिवालय डीएसपी राजेश सिंह प्रभाकर, महिला थानाध्यक्ष आरती कुमारी जायसवाल, सचिवालय थानाध्यक्ष रघुनाथ प्रसाद व बहुत संख्या में पुलिस बल राबड़ी देवी के आवास पर पहुंची। जहां से ऐश्वर्या राय को सुरक्षा में गर्दनीबाग चिकित्सालय में लाया गया व उसकी जांच करायी गयी। इसके बाद ऐश्वर्या वापस राबड़ी देवी आवास पहुंची और केस किये जाने के लिए आवेदन लिखा गया। राबड़ी, तेज प्रताप व मीसा पर घरेलू हिंसा का केस पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी आवास के बाहर गार्ड रूम में साढ़े सात बजे से लेकर 10.45 बजे तक अावेदन को तीन घंटे में तीन बार तक फाड़ा गया और फिर उसे अंतिम रूप देकर महिला थानाध्यक्ष आरती कुमारी जायसवाल को दिया गया। आवेदन को ऐश्वर्या के पिता व पूर्व मंत्री चंद्रिका प्रसाद के वकील द्वारा लिखा गया और फिर एक-एक लाइन पढ़ कर सुनाया। इसके बाद आवेदनअंतिम हुआ। इस पर्यंत गार्ड रूम में ऐश्वर्या, उनके पिता चंद्रिका राय, मां पूनम देवी व भाई उपस्थित थे। एेश्वर्या की मां ने कहा, अब मेरी बेटी यहां नहीं रहेगी
ऐसे जोकर बहुत से देखे हैं एेश्वर्या की मां ने कहा कि अब मेरी बेटी यहां नहीं रहेगी। तेज प्रताप की हमारे लिए कोई हैसियत नहीं है। अब कानूनी लड़ाई होगी। चंद्रिका राय ने उनके विरुद्ध हुई नारेबाजी के मुद्दे पर कहा कि ऐसे जोकर बहुत से देखे हैं। इनके चिल्लाने से कुछ नहीं होता। चंद्रिका राय ने कहा कि मैं राजनीति में लालू प्रसाद के कारण से नहीं हूं। मेरी वजह से लालू प्रसाद आज इस हैसियत में पहुंचे हैं। चंद्रिका राय ने एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि मेरी बेटी प्रताड़ित है। उसके विरुद्ध आवाज उठाने के लिए भला मुझे और कोई क्यों प्रेरित करेगा? तेज प्रताप समर्थकों ने लगाये चंद्रिका के विरुद्ध नारे शाम करीब साढ़े छह बजे तेज प्रताप के 50 से अधिक समर्थक राबड़ी आवास के बाहर जमा हो गये और चंद्रिका राय के विरुद्ध नारेबाजी की। तेजप्रताप के समर्थक चंद्रिका राय शर्म करो के नारे लगाते रहे। इस पर चंद्रिका राय ने कहा कि वह इन धमकियों से डरने वाले नहीं हैं। विवाद का कारण बीएन काॅलेज में लगा पोस्टर पीयू के बीएन कालेज में रविवार को एक पोस्टर चिपकाया गया, जिसमें ऐश्वर्या के पिता चंद्रिका राय और मां पूर्णिमा राय के बारे में आपत्तिजनक बातें लिखी गयी हैं। ऐश्वर्या राय ने बताया कि इसी पोस्टर को लेकर मैंने राबड़ी देवी से कहा था कि मेरे पिता का इसमें क्यों घसीटा जा रहा है। इस पर राबड़ी नाराज हो गयीं और मेरे साथ मारपीट की और बाल घसीटते हुए अपने सुरक्षा गार्ड से कहा कि इसे बाहर निकालो। चंद्रिका राय के समर्थकों ने किया हंगामा, बढ़ायी गयी सुरक्षा मामले की जानकारी मिलने पर पूर्व मंत्री चंद्रिका राय के समर्थक छपरा से बहुत संख्या में राबड़ी देवी के आवास के पास पहुंच गये। उन लोगों ने हंगामा करना आरम्न्भ कर दिया और लालू-राबड़ी के विरुद्ध नारे लगाये। हालांकि, पुलिस ने तुरंत सभी को गेट से हटा दिया। इसके बाद अतिरिक्त पुलिस बल बुलाया गया और सुरक्षा को कड़ी कर दी गयी।