नई दिल्ली – कृषि बिल को लेकर भारतीय जनता पार्टी की सहयोगी दल शिरोमणि अकाली दल के बीच की दरार बड़ी हो गयी है। अकाली दल ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग / एनडीए) से अलग होने का निर्णय किया है। पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने इस बात की घोषणा की।
किसान बिल को लेकर मोदी सरकार में कैबिनटे मंत्री हरसिमरत कौर बादल पहले ही त्यागपत्र दे चुकी हैं।
सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि “हम उस एनडीए का भाग नहीं हो सकते हैं जो इन अध्यादेशों को लाया है। ” बादल ने कहा कि कृषकों के हित के लिए अकाली दल कोई भी मूल्य चुकाने के लिए तैयार है।
इससे पहले शुक्रवार को सुखबीर के नेतृत्व में अकाली दल कार्यकर्ताओं ने मलौत-दिल्ली नेशनल हाईवे पर तीन घंटे तक चक्का जाम किया। बादल के साथ उनकी पत्नी और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर भी थीं। बादल दंपति धरनास्थल पर विरोध स्वरूप करीब आठ किलोमीटर ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे थे।
हमारा कार्य कृषकों के अधिकारों के लिए लड़ना है। अकाली प्रमुख ने आगे कहा कि एक अक्टूबर को पार्टी तख्त दमदमा साहिब, अकाल तख्त और तख्त केशगढ़ साहिब से चंडीगढ़ की ओर किसान मार्च आरम्भ करेंगे।
विदित हो कि अकाली दल भारतीय जनता पार्टी की सबसे पुरानी सहयोगियों में एक रही है। अकाली दल के पूर्व प्रमुख और सुखबीर के पिता प्रकाश सिंह बादल एनडीए गठबंधन के संस्थापक सदस्यों में रहे हैं।