वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को राज्यसभा में अर्थव्यवस्था के मुद्दे पर कहा कि समझदारी से देखेंगे तो पताचलेगा कि आर्थिक विकास दर भले ही कम हुई है लेकिन अभी तक मंदी नहीं है, ऐसा आगे भी नहीं होगा। सीतारमण ने कहा कि 2009-2014 तक जीडीपी ग्रोथ 6.4% थी, जबकि 2014 से 2019 के बीच 7.5% रही। बता दें पिछली कुछ तिमाही से जीडीपी ग्रोथ में लगातार कमी आ रही है। अप्रैल-जून में 5% रह गई थी। ग्रोथ को लेकर विपक्ष लगातार सरकार पर प्रश्न उठा रहा है।
बैंकों को 70 हजार करोड़ रु देने से सिस्टम में नकदी बढ़ी: सीतारमण अर्थव्यवस्था में नकदी की कमी होने की बात को अस्वीकृत करते हुए सीतारमण ने कहा कि लोन मेले में बैंकों ने 2.5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज बांटे। बैंकों को 70 हजार करोड़ रुपए की पूंजी दी गई, इससे सिस्टम में नकदी बढ़ी। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड के भी फायदे दिख रहे हैं।
सीतारमण के अनुसारबैंकों कीदोहरी बैलेंस शीट की समस्या के कारण से बीते दो वित्त वर्षों में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आई। अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर वित्त मंत्री के उत्तर पर कांग्रेस ने सदन से वॉकआउट कर दिया। बता दें दोहरी बैलेंस शीट के मायने ये हैं कि एक तरफ बैंकएनपीए से जूझ रहे थे, दूसरी ओर कारोबारी भी कर्ज के दबाव में थे।