औरंगाबाद – जिले के गोह प्रखंड के अकौनी गांव में कोरोना विषाणु की जांच करने गए चिकित्सा दल पर बुधवार को प्राणघातक आक्रमण किया गया। इस आक्रमण में आयुष चिकित्सक अर्जुन कुमार, एएनएम नीलू कुमारी व केयर इंडिया के प्रबंधक अनुज कुमार घायल हो गए।
दोषियों ने चिकित्सा दल की गाड़ी को भी क्षतिग्रस्त कर दिया लेकिन किसी तरह दल के सदस्यों ने भाग कर अपनी जान बचाई।
घटना की सूचना मिलते ही दाउदनगर के एसडीओ अनुपम सिंह और एसडीपीओ राजकुमार तिवारी दल-बल के साथ अकौनी गांव पहुंचे। यहां उपस्थित लोगों ने दल पर पुन: पथराव किया और पुलिसकर्मियों पर लाठी डंडों से वार किया जिससे एसडीपीओ राजकुमार तिवारी, उनका निजी अंगरक्षक, एक पुलिसकर्मी पिंटू कुमार सहित कई अन्य लोग बुरी तरह घायल हो गए।
सूचना के अनुसार चोटिल एसडीपीओ के मस्तक पर चोटें आई। अंगरक्षक और पिंटू कुमार का भी सिर फट गया है।
तत्काल जिला स्तरीय पदाधिकारियों को सूचित कर अतिरिक्त बल दल को गांव में बुलाया गया। जिलाधिकारी सौरभ जोरवाल और पुलिस अधीक्षक दीपक वर्णवाल भी दल बल के साथ अकौनी गांव पहुंचे।
पुलिस अधीक्षक दीपक वर्णवाल ने बताया कि इस संबंध में कार्रवाई की जा रही है। दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पूरे मामले की जांच की जा रही है।
गांव में दिल्ली से आये एक युवक की जांच के लिए दल यहां पहुंची थी। प्रबंधक मनीष कुमार ने कहा कि उन्हें गाँव वालों ने सूचना दी थी जिसके बाद दल यहां पहुंची थी।
उल्लेखनीय है कि बिहार में चिकित्सकों और पुलिस दल पर आक्रमण के विरुद्ध मुख्यालय ने कठोरतापूर्वक प्रस्तुत आने का निर्देश दिया है। इससे पहले भी बिहार के मधुबनी, भागलपुर और कटिहार समेत राज्य के कई भागों में चिकित्सकों या पुलिस दल पर आक्रमण की घटनाएं सामने आई है।
देश के विभिन्न भागों में चिकित्सक दलों और उपचारिकाओं पर आक्रमण और अश्लील हरकत करने की घटना भी सामने आ चुकी है। इन मामले को संज्ञान में लेते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उन चिकत्सकों, उपचारिकाओं व स्वास्थ्य कर्मचारियों को सुरक्षा देने का निर्णय लिया है, जो कोरोनावायरस सक्रमण रोग से बचाव व उपचार के लिए जीवनरक्षक की भूमिका निभा रहे हैं।