बाढ़ और सुखाड़ प्रभावित किसान इनपुट अनुदान के लिए अब 10 दिसंबर तक आवेदन कर सकते हैं। सरकार ने आवेदन की अंतिम तिथि 30 नवंबर से बढ़ा कर 10 दिसंबर कर दिया है। अब तक राज्य के 21,49,698 किसानों ने इस योजना के लिए आवेदन किया है।
कृषि मंत्री डॉ। प्रेम कुमार ने कहा कि बाढ़ व सुखाड़ प्रभावित किसी भी किसान को न्यूनतम भूमि पर भी एक हजार रुपए से कम अनुदान राशि नहीं मिलेगी। सिंचित क्षेत्र के किसानों को प्रति हेक्टेयर 13500 रुपए और असिंचित क्षेत्र के किसानों को प्रति हेक्टेयर 6800 रुपए इनपुट अनुदान मिलेगा। नकदी फसलों के लिए 18 हजार रुपए प्रति हेक्टेयर मिलेगा। नगदी फसल के लिए न्यूनतम नुकसान राशि 2 हजार से कम नहीं मिलेगी। बाढ़ के बाद जहां खेतों में गाद व सिल्ट 3 इंच से अधिक जमा हो गए हैं 12,200 रुपए प्रति हेक्टेयर की दर से सहायता मिलेगी। एक किसान को अधिकतम दो हेक्टेयर के लिए अनुदान का प्रावधान है।
इस वर्ष 18 जिलों के 102 प्रखंडों के 896 पंचायत सूखाग्रस्त घोषित किया गया है। यहां रोपनी हुई ही नहीं है। जुलाई 2019 में आयी बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए कृषि इनपुट अनुदान का भुगतान होगा, उन्हें पुन: सितंबर माह में आयी बाढ़ से हुई फसल क्षति के लिए कृषि इनपुट अनुदान मान्य नहीं होगा।
मंत्री ने कहा कि इस योजना का लाभ ऑनलाइन पंजीकृत किसानों को ही मिलेगा। जो किसान पहले से पंजीकृत नहीं हैँ, ऐसे किसान कृषि विभाग के डीबी पोर्टल पर अपना पंजीकरण निश्चित तौर पर करा लें। किसान पंजीकरण अपने निकटतम कॉमन सर्विस केंद्र या बसुधा केंद्र, ई किसान भवन में निशुल्क करा सकते हैं। अनुदान की राशि किसानों को उनके आधार से जुड़े बैंक खाते में ही भेजा जाएगा।