ममता बनर्जी की पार्टीतृणमूल कांग्रेस ने गुरुवार को आए उपचुनाव नतीजों में पश्चिम बंगाल की तीनों विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की। वहीं, उत्तराखंड की पिथौरागढ़ सीट पर भाजपा का कब्जा बरकरार है। बंगाल और उत्तराखंड की इन चारों सीटों पर 25 नवंबर को वोट डाले गए थे। मुख्यमंत्री बनर्जी ने कहा, “यह विकास और लोगोंकी जीत है। बंगाल की जनता ने एनआरसी और घमंड की राजनीति के विरुद्ध जनादेश दिया। लोगों ने भाजपा को नकारदिया है।” ममता ने तंज कसा- एक, दो, तीन भाजपा का विदाई दिन। इस वर्ष लोकसभा चुनाव में भाजपा ने बंगाल की42 लोकसभा सीटों में से 18 पर जीत दर्ज कीथी।
इस बीच, उत्तर 24 परगना की भाजपा अध्यक्ष फाल्गुनी पात्रा का आरोप है कि तृणमूल कार्यकर्ताओं नेबारकपुर संसदीय क्षेत्र के नैहाटी में स्थित उनके घर और कार में तोड़फोड़ की। पात्रा ने कहा किजब भाजपाकार्यकर्ताओं ने तृणमूल के लोगों को रोका तो उन्होंने मारपीट की।
उपचुनाव परिणाम
पश्चिम बंगाल कीकालियागंज सीट पर तृणमूलउम्मीदवार तपन देब सिंह को 2304 मतों से जीत मिली। खड़गपुर सदर सीट पर तृणमूल के प्रदीप सरकार ने भाजपा के प्रेमचंद्र झा को 20 हजार से अधिक वोट से हराया। करीमपुर में उसके उम्मीदवार बिमलेंदु सिन्हा रॉय भाजपा के जय प्रकाश मजूमदार पर जीत दर्ज की। वहीं, उत्तराखंड कीपिथौरागढ़ सीट पर भाजपा की चंद्रा पंत ने कांग्रेस उम्मीदवार अंजू लुंथी को 3267 वोट से हराया।
उपचुनाव क्यों हुए? बंगाल की खड़गपुर सदर सीट से भाजपा के दिलीप घोष और करीमपुर सीट से तृणमूल की महुआ मोइत्रा विधायक थीं। दोनों के सांसद बनने से यह सीटें खाली हो गई थीं। जबकि कालियागंज सीट पर कांग्रेस विधायक प्रमथ नाथ रे का निधन हो गया था। वहीं, उत्तराखंड की पिथौरागढ़ सीट भी भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रकाश पंत के निधन से खाली हुई थी। पार्टी ने उपचुनाव में उनकी पत्नी चंद्रा पंत को मैदान में उतारा है।