सेना प्रमुख जनरल मनोज मुकुंद नरवणे शनिवार को सेना के बॉम्बे इंजीनियरिंग ग्रूप (बीईजी) के दो सौ वर्ष पूरे होने पर आयोजित परेड में सम्मिलित हुए। उन्होंने कहा- भविष्य में युद्ध करने का तरीका पहले से अधिक तकनीक और नेटवर्क केंद्रित होगा। हमें जंग के बदलते तरीके को अपनाना होगा। उन्होंने कहा- भविष्य के युद्ध तकनीक को विकसित करने में इंजीनियर्स की भूमिका महत्वपूर्ण होगी।
जनरल नरवणे ने कहा- क्षमताएं और काबिलियत बढ़ाना एक सतत प्रक्रिया है। ऐसा नहीं है कि हम पहले कुछ नहीं कर रहे थे, लेकिन हम अपनी क्षमताओं को बढ़ाना जारी रखेंगे। हमारे इंजीनियर्स को लगातार नई तकनीकों को समझना और उन्हें विकसित करना होगा। जब कभी भी सीमावर्ती क्षेत्रों में सड़क या पुलों के निर्माण की बात आती है, इंजीनियरों की इनमें विशेष भूमिका होती है।
उन्होंने कहा- कोरोनायवायरस से निपटने में सेना अपनी भूमिका अदा कर रही है। यह एक महामारी है, जो दुनियाभर में फैल रही है। सभी राष्ट्र इसे रोकने और इसका खतरा कम से कम करने में जुटे हैं। भारतीय सेना ने भी इस वायरस की जांच करने के लिए हरियाणा के मानेसर में जांच केंद्र स्थापित किया है।
परेड के समय बॉम्बे सैपर्स, सिख लाइट इंफैंट्री और मराठा लाइट इन्फैंट्री रेजीमेंट के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। बीईजी की इस परेड में पहली बार सुखोई विमान ने फ्लाइपास्ट किया। इस अवसर पर सेना के सेवानिवृत्त अधिकारी, सैनिकों के परिवार के सदस्य भी उपस्थित थे।