दिग्गज निवेशक जिम रोजर्स ने कहा है आगे हमें और बुरा समय देखने को मिल सकता है। रोजर्स होल्डिंग्स इंक के चेयरमैन का कहना है कि बहुत बड़ी गिरावट के बाद शेयर बाजार में देखी जा रही यह तेजी कुछ समय के लिए जारी रह सकती है। लेकिन, बुरा दौर आना बाकी है।
उनका कहना है कि कोरोना वायरस के कारण बाजार पर तीन तरह से मार पड़ेगी। पहला, अर्थव्यवस्था को भारी हानि हो रही है। दूसरा, कर्ज बहुत अधिक बढ़ जाएगा। अंत में, अभी ब्याज की कम दरें बढ़ने के बाद बहुत चोट पहुंचाएंगी।
उन्होंने कहा, “अगले दो वर्ष में मैं अपनी जिंदगी में बाजार की सबसे बड़ी मंदी देखने जा रहा हूं.” वर्ष 2008 की आर्थिक मंदी के बाद बीती तिमाही बाजार के लिए सबसे खराब रही। पूरे विश्व भर में सरकारों ने अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ता देने के लिए बड़ा निवेश किया। केंद्रीय बैंकों ने आनन-फानन में ब्याज दरों को घटा दिया।
यह पहली बार नहीं है जब रोजर्स ने बाजार में मंदी की आशंका जताई है। रोजर्स ने वर्ष 1970 में जॉर्ज सोरोस के साथ मिलकर क्वांटम निधि प्रारंभ की थी। उन्होंने वर्ष 2018 में मंदी की आशंका जताई थी। उनकी बातें सही होती दिख रही हैं, क्योंकि तालाबंदी के कारण कामकाज ठप होने से कई कंपनियों पर कर्ज का भार बढ़ जाएगा।
उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं कि जब भी मंदी की आहट सुनाई देती है, कम कर्ज वाली कंपनियों में निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ जाती है, क्योंकि इनके दिवालिया होने के आसार कम होते हैं.”
उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि जिन कंपनियों के पास मार्केट हिस्सेदारी अधिक होती है, उनकी सुदृढ़ता भी अधिक होती है, बशर्ते उनका कर्ज कम हो। उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने अमेरिकी शेयरों में बहुत निवेश किया है। कुछ निवेश चीन और रूस के शेयरों में है। वह जापान के विषय में सोच रहे हैं।
उन्होंने बताया कि वे कुछ पिटे हुए व्यावसायिक क्षेत्रों के शेयरों पर नजर रखे हुए हैं। उन्हें कुछ संकेतों को श्रेष्ठतर होने की प्रतीक्षा है। चीन और वैश्विक स्तर पर उनके रडार पर टूरिज्म, परिवाहन, एयरलाइंस और कृषि क्षेत्र के शेयर उपस्थित हैं।
उन्होंने कहा, “चीन की अर्थव्यवस्था फिर खड़ी हो रही है। लोग कार्य पर लौट रहे हैं। फैक्ट्रियां, रेस्त्रां पुन: खुल रहे हैं। मैं जिंदगी की तरफ देख रहा हूं। जिंदगी ऐसी नहीं है कि एक झटके में पटरी पर लौट आएं.”
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